नाबालिक बच्चों से काम करवाना एक जुर्म माना जाता है। इसके लिए सजा का भी प्रावधान है। आपको बता दें फरीदाबाद में इन दिनांक आधार कार्ड और वोटर लिस्ट को लिंक करने का कार्य किया जा रहा है
जिसे स्कूली अध्यापकों पर सौंपा गया है स्कूली अध्यापकों को बूथ लेवल ऑफिसर की ड्यूटी के लिए नियुक्त किया जाता है। पर यह कार्य अध्यापक को पूरा करना होता है ।
लेकिन फरीदाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें एक अध्यापक दो बच्चों को काम पर लगा कर उनसे काम करवा रही थी और घर-घर जाकर आधार कार्ड वोटर कार्ड से लिंक करवा रही थी।
दरअसल बता दें कि बुधवार को एक अध्यापिका आधार कार्ड को वोटर कार्ड से लिंक कराने का कार्य कर रही थी साथ में दो स्कूली छात्र भी मौजूद थे स्कूली छात्रों से पूछने पर पता चला कि वे NIT-1 में स्थित प्राइमरी स्कूल के छात्र हैं ।
जो अपनी टीचर के साथ घर-घर जाकर वोटर कार्ड और आधार कार्ड को लिंक करवाने का कार्य कर रहे हैं।
वही जब राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष विजय मुद्गल से यह सवाल किया गया तो उनका कहना है कि गांव में इस काम को करने में कोई भी परेशानी नहीं होती लेकिन शहर में इन लोगों को खासा समस्या होती है और जिन छात्रों को यह अध्यापक साथ में लेकर गए वे उस इलाके के बारे में भली-भांति जानते होंगे।