साइबर थाना एनआईटी की साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, बैंक कर्मचारी बनकर क्रेडिट कार्ड एक्टिवेट करने के नाम पर ठगी करने वाले साइबर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 11 आरोपियों को किया गिरफ्तार
देशभर के 26 राज्यों/यूटी में साइबर ठगी की 1398 वारदातों को अंजाम दिया है जिसमें मुख्यत: उत्तर प्रदेश की 457, दिल्ली की 122, राजस्थान की 121, तेलंगाना की 120 वारदातें शामिल है। आरोपियों ने हरियाणा में भी 32 वारदातों को दिया है अंजाम
आरोपियों के कब्जे से 6 मोबाइल फोन, 3 सिम कार्ड, 19 डेबिट कार्ड व 8 चेक बुक तथा 25,300 रुपए नगद बरामद
फरीदाबाद: आज के समय बैंक में पैसे को रखना सबसे सुरक्षित उपाय है परंतु जागरूकता के अभाव में कुछ भोले-भाले लोग अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड संबंधित सारी जानकारी साइबर ठगों को आसानी से उपलब्ध करवा देते हैं जिसकी वजह से साइबर अपराधी इन्हे साइबर ठगी का शिकार बनाकर उन्हें आर्थिक रूप से बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। फरीदाबाद साइबर पुलिस इन अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है।
इसी क्रम में साइबर अपराध फरीदाबाद के नोडल अधिकारी डीसीपी नीतीश कुमार अग्रवाल के दिशा निर्देश के तहत कार्रवाई करते हुए साइबर थाना एनआईटी प्रभारी इंस्पेक्टर बसंत व उनकी टीम ने साइबर ठगी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए क्रेडिट कार्ड के माध्यम से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 11 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ़्तार किए गए आरोपियों में साहिल, खालिद, देवेंद्र, जतिन, इरफान, नसीम, आसिम,अमित उर्फ सोनू, सचिन, सोनू तथा मोहम्मद कैफ उर्फ सान उर्फ जाट उर्फ अल हबीबी का नाम शामिल है। आरोपी देवेंद्र फरीदाबाद के पल्ला का रहने वाला है और बाकी सभी अन्य आरोपी दिल्ली के निवासी हैं।
आरोपी देवेंद्र नोएडा में कोटक बैंक के क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट में थर्ड पार्टी के तहत काम करता है जो बैंक से नया क्रेडिट कार्ड बनवाने वाले ग्राहकों की जानकारी अपने साथियों को उपलब्ध करवाता था। आरोपी साहिल और खालिद दोनों पार्टनर हैं और मिलकर इस गिरोह को ऑपरेट करते हैं।
आरोपियों ने फरीदाबाद की रहने वाली एक महिला के साथ भी साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देकर करीब ₹39000 हड़प लिए थे। महिला ने कोटक बैंक से अपना नया क्रेडिट कार्ड जारी करवाया था। आरोपी देवेंद्र ने क्रेडिट कार्ड धारक की जानकारी अपने साथियों को दी जिसके पश्चात आरोपियों ने महिला को कोटक बैंक कस्टमर केयर का प्रतिनिधि बनकर फोन किया और महिला को कहा कि वह बैंक के क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट से बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आपको अभी हाल ही में जारी किए गए क्रेडिट कार्ड को एक्टिवेट करने के लिए आपको यह कॉल की गई है। महिला को लगा कि वह सच में बैंक प्रतिनिधि है और उसने आरोपियों को अपने क्रेडिट कार्ड की सारी जानकारी जैसे कार्ड नंबर, सीवीवी, एक्सपायरी डेट तथा ओटीपी फोन पर उन्हें बता दी जिसके पश्चात आरोपियों ने उनके क्रेडिट कार्ड से ₹38996 उड़ा लिए।
पीड़ित महिला ने दिनांक 20 सितंबर 2022 को इसकी शिकायत साइबर पुलिस स्टेशन एनआईटी में की जिसके पश्चात आरोपियों के खिलाफ षड्यंत्र तथा धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके आरोपियों की तलाश शुरू की गई।
डीसीपी नीतीश कुमार अग्रवाल ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए जिसके पश्चात साइबर टीम ने मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए दो दिन पश्चात 22 सितंबर को ही गिरोह के आठ सदस्यों को दिल्ली एनसीआर से गिरफ्तार कर लिया जिसमे साहिल, खालिद, नसीम, आसिम,अमित उर्फ सोनू, सचिन, सोनू तथा मोहम्मद कैफ शामिल थे।
आरोपियों को अदालत में पेश करके 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें आरोपियों ने अपने अन्य तीन साथियों के बारे में जानकारी दी जिसके पश्चात आरोपी जतिन, इरफान तथा देवेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों के कब्जे से 6 मोबाइल फोन, 3 सिम कार्ड, 19 डेबिट कार्ड व 8 चेक बुक तथा 25,300 रुपए नगद बरामद किए गए हैं।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि बहुत ही शातिर किस्म के साइबर ठग हैं जिन्होंने पिछले 2 महीनों में देशभर के 26 राज्यों/यूटी में साइबर ठगी की 1398 वारदातों को अंजाम दिया है जिसमें मुख्यत: उत्तर प्रदेश की 457, दिल्ली की 122, राजस्थान की 121, तेलंगाना की 120 वारदातें शामिल है। आरोपियों ने हरियाणा में भी 32 वारदातों को अंजाम दिया है।
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी देवेंद्र बैंक से क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा अपने साथी आरोपी जतिन को उपलब्ध करवाता था और जतिन इसे आगे मुख्य आरोपी खालिद तक पहुंचाता था। आरोपी इरफान फर्जी बैंक खाता खुलवाकर इसे नसीम को देता था जो इसे आगे साहिल को उपलब्ध करवाता था।
आरोपी अमित उर्फ सोनू, आसीम, सचिन तथा मोहम्मद कैफ कॉलिंग का काम करते थे तथा आरोपी सोनू धोखाधड़ी से प्राप्त रकम को फर्जी बैंक खातों से निकलवाकर अपने साथियों को देता था। आरोपियों के मोबाइल फोन फर्जी बैंक खातों में पिछले 2 माह में करीब 2 लाख रुपए का लेनदेन पाया गया है। पुलिस पूछताछ पूरी होने के पश्चात सभी आरोपियों को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है।