विधायक नीरज शर्मा ने सीएम पर साधा निशाना कहा क्या कमेटियों में विधायक सिर्फ काजू खाने के लिए है?

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 विधायक नीरज शर्मा ने सीएम पर साधा निशाना कहा क्या कमेटियों में विधायक सिर्फ काजू खाने के लिए है?

चंडीगढ़ । अगर मेरे इलाके में बरसात के बाद भी सड़कों पर जल भराव रहा तो मैं कीचड़ स्नान कर ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में जाऊंगा। यह कहना है फरीदाबाद एनआईटी के विधायक नीरज शर्मा का । श्री शर्मा यहां पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। हरियाणा में फिलहाल बड़ी संवैधानिक बहस छिड़ गई है 15 अक्टूबर को एनआईटी फरीदाबाद के विधायक नीरज शर्मा को ज़िला फरीदाबाद ग्रीवेंस कमेटी में अपने विधानसभा क्षेत्र की समस्या उठाने से माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रोक दिया।

इसके बाद अब विधायक यह जानना चाहते हैं कि जब वे किन्ही कमेटियों में अपने इलाके की बात रख ही नहीं सकते, अपनी जनता के सुख-दुख को बयां कर ही नहीं सकते तो फिर उनके उन कमेटियों में होने का क्या फायदा है। यहाँ आयोजित संवाददाता सम्मेलन में विधायक नीरज शर्मा ने असंध के विधायक शमशेर गोगी और पीसीसी मेंबर जगन डागर के पत्रकारों को संबोधित किया।

अपनी इस समस्या का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में सीवर की विकट समस्या है सड़कों पर पानी रुका है और उसी रास्ते से होकर लोगों को आना जाना पड़ता है विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि कई मौके ऐसे आए हैं जब उनके इलाके में बारात आनी होती है और बेटियों को खुद मुख्यमंत्री को ट्वीट करके अपनी गली से पानी निकलवाने की गुहार लगानी पड़ती है इसके बाद समस्या का समाधान होता है लेकिन अस्थाई तौर पर।

उन्होंने कहा कि इसी मामले को माह सितंबर में आयोजित ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में उन्होंने उठाया था तब ग्रीवेंस कमेटी की अध्यक्षता कर रहे उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने न केवल उनके द्वारा समस्या को उठाए जाने की प्रशंसा की थी अपितु उस समस्या का जायजा लेने के लिए खुद नगर निगम कमिश्नर को निर्देश दिए थे माननीय उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के निर्देश पर नगर निगम कमिश्नर ने खुद मौके का मुआयना किया और सड़कों के सुधार के लिए एस्टीमेट बनाने का निर्देश दिया।

लेकिन 15 अक्टूबर को जब विधायक ने अपने इलाके की समस्या के बारे में ग्रीवेंस कमेटी में बोलना चाहा तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह कहकर उन्हें बोलने से रोक दिया कि यह उचित मंच नहीं है विधायक को अपनी समस्या विधानसभा के भीतर रखनी चाहिए। श्री शर्मा ने कहा कि क्या इन कमेटियों में विधायक सिर्फ काजू खाने के लिए हैं।

माननीय मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि विधायक इन कमेटियों में न बोलें तो वो वहां सदस्य ही क्यों हैं। असंध के विधायक शमशेर गोगी ने सवाल उठाया कि जिन भी कमेटियों में विधायक सदस्य हैं अगर उन कमेटियों में विधायकों को बोलने ही नहीं दिया जाएगा तो फिर विधायकों का उन कमेटियों का सदस्य होने का क्या फायदा।  श्री गोगी ने कहा कि यह मसला वह विधानसभा के सदन में भी उठाएंगे। सरकार इन कमेटियों में विधायकों की स्थिति स्पष्ट करे।

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