तीन दिनों तक एनएच पर रहेगा रूट डाइवर्जन, ट्रैफिक से बचने के लिए इन रूट का करे प्रयोग

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 तीन दिनों तक एनएच पर रहेगा रूट डाइवर्जन, ट्रैफिक से बचने के लिए इन रूट का करे प्रयोग

फरीदाबाद में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे लिंक रोड के लिए एनएच पर कैली बाइपास के पास तारीख आगे बढ़ने के बाद आखिरकार रविवार से गर्डर लगाने का काम शुरू हो गया। रविवार को दो गर्डर रखे गए और कुल 8 गर्डर रखे जाएंगे। एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक 28 दिसंबर तक यह काम चलेगा।

20 मिनट के लिए एनएच किया बंद

आपको बता दे, कच्ची सड़क का डायवर्जन नेशनल हाईवे के दोनों 100 मीटर की दूरी पर किया गया था, लेकिन इसके बावजूद लोगों को परेशानी हो रही थी। रविवार को शाम चार बजे के बाद एनएचएआई ने 20-20 मिनट के अंतराल में दो बार एनएच को बंद कर दिया। जिसके कारण पलवल से दिल्ली आने वाले लेन पर लोगों को जाम में फंसना पड़ा।

तीन दिनों तक एनएच पर रहेगा रूट डाइवर्जन, ट्रैफिक से बचने के लिए इन रूट का करे प्रयोग

संडे को छुट्टी का दिन होने के कारण ट्रैफिक कम था और काम करने में ज्यादा कठिनाई नहीं आई। लेकिन सोमवार से सामान्य रूप से ट्रैफिक बढ़ेगा। इसलिए यदि ये आपका रूट है स समान्य समय से जल्दी निकले। इस वक्त दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।

इंटरचेंज का हो रहा निर्माण

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे लिंक रोड कैल गांव के पास एनएच पार करती है। इस स्थान पर इंटरचेंज बनाया जा रहा है। कैल गांव के पास एनएच के लिए एक अंडरपास है और उसके ऊपर से लिंक एक्सप्रेस-वे गुजर रहा है। एक्सप्रेस-वे को नेशनल हाईवे पार करने के लिए आठ गर्डर लगाए जाने हैं।

तीन दिनों तक एनएच पर रहेगा रूट डाइवर्जन, ट्रैफिक से बचने के लिए इन रूट का करे प्रयोग

इस कारण हाईवे के दोनों ओर पिलर बनाए गए हैं। गर्डर लगाने के दौरान एनएच को बंद करना पड़ेगा, इसलिए काम को चार दिनों में बांटा गया है। दो बार आगे बढ़ने के बाद अब यह काम 25 दिसंबर से शुरू किया गया है।

70 टन वजन है और 60 फीट लंबा है गर्डर

एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक, 70 टन वजन के 60 फीट लंबे स्टील गर्डर्स लगाए जाने हैं। इन्हें उठाने के लिए 800 टन की क्षमता वाली क्रेन लगाई गई है। क्रेन गर्डर को उठाएगी। इसके बाद इसे घुमाकर खंभे के ऊपर रख दिया जाएगा।

तीन दिनों तक एनएच पर रहेगा रूट डाइवर्जन, ट्रैफिक से बचने के लिए इन रूट का करे प्रयोग

गर्डर लगाने के दौरान एनएच को बंद कर दिया गया था। एक गर्डर लगाने में 20 मिनट का समय लगा। इसके बाद हाईवे को एक घंटे के लिए खोल दिया गया। इसके बाद एक बार फिर से 20 मिनट के लिए रास्ता बंद कर दिया गया और दूसरे गर्डर लगाया गया।

इस प्रकार से है रूट डाइवर्जन

गर्डर रखने का काम करने के लिए ट्रैफिक डायवर्ट करने के भी ज्यादा रास्ते नहीं है। पहला रूट डाइवर्जन गांवों के रास्ते ट्रैफिक डायवर्ट करने के बारे में सोचा गया लेकिन वह रूट लंबा और मुसीबत भरा था, इसलिए अब नया डायवर्जन निकाला गया है।

दिल्ली से पलवल की ओर जाने वाले ट्रैफिक को कैल गांव के पास बाइपास रोड की तरफ मोड़ दिया गया और 100 मीटर कच्ची सड़क से होते हुए फिर एनएच पर आ गया। यहां करीब 100 से 150 मीटर का डायवर्जन है।

इसी तरह पलवल की ओर से आने वाले ट्रैफिक को भी सीकरी के रास्ते हाईवे के दूसरी तरफ बन रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे लिंक रोड पर डायवर्ट किया गया। वहां से ट्रैफिक मुड़कर एनएच पर आ जाएगा।

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