समलैंगिक विवाह के विरोध में सामाजिक-धार्मिक संगठन ने जिला उपायुक्त को सौपा ज्ञापन

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 समलैंगिक विवाह के विरोध में सामाजिक-धार्मिक संगठन ने जिला उपायुक्त को सौपा ज्ञापन

Faridabad: बुधवार को समलैंगिक विवाह के विरुद्ध में सामाजिक-धार्मिक संगठन एकजुट हुए और राष्ट्रपति के नाम जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। इसके अलावा समलैंगिक विवाह पर तुरंत रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया है। विश्वम्भरा सेवा न्यास सहित फरीदाबाद के अन्य संगठनों की महिला प्रतिनिधि काफी संख्या में जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंचे।

सेक्टर 12 स्थित लघु सचिवालय पर विश्वम्भरा सेवा न्यास का प्रतिनिधिमंडल अन्य संगठनों की महिला स्वयंसेविकाओं के साथ एकत्रित हुआ। न्यास की अध्यक्ष रजनी गुलाटी ने बताया की उन्होंने आज अन्य संगठनों के सहयोग से राष्ट्रपति के नाम एक मांगपत्र जिला उपायुक्त विक्रम के माध्यम से दिया। जिसमें भारतीय संस्कृति एवं सामाजिक सामंजस्य के लिए गंभीर समस्या बनने वाले समलैंगिक व्यक्तियों के विवाह के विरुद्ध तुरंत रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया है। गुलाटी ने बतया कि समलैंगिक व्यक्तियों के विवाह को मान्यता नहीं मिलनी चाहिए। क्योंकि यह हमारी संस्कृति -सभ्यता पर आघात होने जा रहा है। देश एवं राष्ट्रहित में हमारा जन जागरण अभियान कार्य जारी रहेगा।

उपरोक्त मांग पत्र में बताया गया कि भारत देश, आज, सामाजिक, आर्थिक क्षेत्रों की अनेक चुनौतियों का, सामना कर रहा है, तब विषयांतर्गत विषय को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनने एवं निर्णीत करने की कोई गंभीर आवश्यकता नहीं है। देश के नागरिकों की बुनियादी समस्याओं जैसे गरीबी उन्मूलन, निःशुल्क शिक्षा का क्रियान्वयन, प्रदूषण मुक्त पर्यावरण का अधिकार, जनसंख्या नियंत्रण की समस्या, देश की पूरी आबादी को प्रभावित कर रही है, उक्त गंभीर समस्याओं के संबंध में भारत के सर्वोच्च न्यायालय से निर्णय लेने के लिए निवेदन किया गया है।

विश्वम्भरा सेवा न्यास फरीदाबाद की सचिव सुषमा तोलम्बिया ने बताया कि विशंभरा सेवा न्यास फरीदाबाद किस सचिव सुषमा तोलंबिया ने बताया कि हमारे हिंदू जीवन पद्धति को विश्व देख रहा है। यथासंभव अनुसरण भी कर रहा है। यह हमारे लिए गर्व एवं गौरव का विषय है। भारतीय संस्कृति एवं संस्कार की धरोहर की चाबी को हम नई पीढ़ी को सौंपते हैं। जिसको लेकर हमारी भावी पीढी गृहस्थ आश्रम मे या जीवन मे प्रवेश करती है। हमारे 16 संस्कारों में विवाह संस्कार प्रमुख है।

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