सरकार का जो स्मार्ट सिटी को प्रदूषण रहित करने का जो जिम्मा था, वह खास पूरा नहीं हुआ है। इस पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम से सवाल किया कि आखिर पार्टिकुलेट मैटर 10 में से सुधार क्यों नहीं हुआ है?
बोर्ड का साल 2025 तक का वायु प्रदूषण को 30 से 40 फीसद कम करने का लक्ष्य था। इसमें जिला लक्ष्य में काफी पीछे है। केंद्र सरकार में वायु गुणवत्ता सुधार के लिए फरीदाबाद को करीब 55 करोड़ रूपए दिए थे। बता दें कि सरकार ने सिटी एक्शन प्लान के तहत फरीदाबाद समेत पूरे देश के 32 प्रमुख शहरों में प्रदूषण स्तर कम करने के लिए कार्य योजना बनाने को कहा था।
जिसके बाद इन शहरों को प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र सरकार ने पैसे जारी किए थे और इसमें पौधरोपण करने एंटी स्मोक गन लेने के लिए और लोगों को जागरूकता समेत अन्य कदम उठाने थे। फरीदाबाद में नगर निगम इसी पैसों से स्लोगन ली हुई है। इसके अलावा पिछले साल लोगों की जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाया गया था। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के मुताबिक हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए साल 2024 25 तक वातावरण में धूल कणों की मात्रा को 30 से 40 फीसदी कम करने का लक्ष्य रखा गया था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 32 शहरों में पीएम 10 के सुधार के बारे में भी जानकारी दी है, जिसमें 32 वें स्थान पर फरीदाबाद है। जिले का स्कोर 25 है। इसके अलावा एक 31वे स्थान पर यूपी का जिला गाजियाबाद है।
जिले में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। जिले में करीब 28000 छोटी बड़ी कंपनियां है। वही हाईवे समेत अन्य सड़कों पर वाहनों का दबाव और टूटी सड़कें से भी प्रदूषण होता है। बीते साल अक्टूबर में फरीदाबाद तीन बार देश में सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो चुका है। वही दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारी वेद कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में प्रदूषण के कारकों का पता लगाने के लिए स्टडी चल रही है।