फरीदाबाद के बीके अस्पताल में दवाइयों की हुई कमी, मरीज है दुखी, जाने पूरी खबर।

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 फरीदाबाद के बीके अस्पताल में दवाइयों की हुई कमी, मरीज है दुखी, जाने पूरी खबर।

ज़िला नागरिक बीके अस्पताल में इन दिनों कई प्रकार की दवाओं की कमी आ रही है। इस वजह से महिलाएं और बुजुर्ग काफी परेशान हो रहे हैं। उन्हें निजी मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने के लिए जेब खाली करनी पड़ रही है। अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार प्रतिदिन अलग-अलग बीमारियों के 2 हजार से अधिक मरीज इलाज कराने आते हैं।

अस्पताल प्रबंधन समय-समय पर जो दावा करते हुए नजर आता है उसके अनुसार लगभग 400 प्रकार की दवाएं स्टोर में उपलब्ध है। परंतु जब डॉक्टर कार्ड पर दवा लिख कर देते हैं तो मरीज तथा तीमारदार दवा काउंटर पर जाते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि दवा यहां पर उपलब्ध नहीं है। बाहर से खरीदें।

फरीदाबाद के बीके अस्पताल में दवाइयों की हुई कमी, मरीज है दुखी, जाने पूरी खबर।

इस अस्पताल में संक्रमण से बचाव को दी जाने वाली एंटीबायोटिक व अन्य दवाइयां नहीं है। कमर घुटनों में दर्द तथा एलर्जी के दवाइयों में भी कमी चल रही है। डबुआ कॉलोनी निवासी पूनम ने बताया की छाती में गांठ है और उन्हें पांच प्रकार की दवाइयां लिखी गई है। मगर अस्पताल के स्टोर से केवल में तीन प्रकार की दवाइयां दी गई है।

सीकरी गांव की सुनीता ने बताया कि महावारी में दिक्कत चल रही और ओपीडी में दवा तो लिख दी परंतु अस्पताल के मेडिकल स्टोर से दवा मिली नहीं।

फरीदाबाद के बीके अस्पताल में दवाइयों की हुई कमी, मरीज है दुखी, जाने पूरी खबर।

डबुआ कॉलोनी की प्रभा देवी ने बताया कि कमल घुटनों में दर्द है और वह दवा लेने आई थी। डॉक्टर के पास तरह की दवा लिखी मगर मेडिकल तौर पर तीन तरह की दवा मिली।

राहुल कॉलोनी निवासी अल्लाह रखे ने बताया कि उन्हें शुगर और बीपी है जो मैंने सेट पताल में इलाज चल रहा है। परंतु दवाइयां समय पर उपलब्ध ना होने की वजह से अन्य और तमाम लोगों को इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

फरीदाबाद के बीके अस्पताल में दवाइयों की हुई कमी, मरीज है दुखी, जाने पूरी खबर।

बीके अस्पताल की प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ सविता यादव ने कहा कि हमारे पास दवाओं की कमी नहीं है। कई बार कंपनी की जगह दूसरी कंपनी की दवाई भंडारण से आ जाती है। सभी चिकित्सकों को आदेश दिए गए हैं की एक दवा की कमी हो तो विकल्प के तौर पर जो दवा उपलब्ध हो वही दवा मरीज को दी जाए। हम ओपीडी की जरूरत के अनुसार हर सप्ताह दवा की उपलब्धता देखते हैं और कमी को पूरा किया जाता है।

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