Faridabad के इस क्षेत्र जाने से पहले हों जाए सावधान, क्योंकि यहां पर बहती हैं ज़हर की नदी

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 Faridabad के इस क्षेत्र जाने से पहले हों जाए सावधान, क्योंकि यहां पर बहती हैं ज़हर की नदी

शहर का अरावली क्षेत्र आज कल ज्यादातर सुनसान पड़ा रहता हैं, लेकिन एक समय ऐसा था जब यहां पर दूर दूर से लोग घूमने फिरने के लिए आते थे। क्योंकि यह घूमने फिरने की खूबसूरत और स्वच्छ जगहों में से एक थीं। पर अब यहां का वातावरण इतना दूषित हो गया है कि यहां पर लोग तो दूर, जानवर भी नहीं रह सकते है।

Faridabad के इस क्षेत्र जाने से पहले हों जाए सावधान, क्योंकि यहां पर बहती हैं ज़हर की नदी

दरअसल इसके पीछे की असली वजह है गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर स्थित बंधवाड़ी का कूड़ा निस्तारण प्लांट। क्योंकि यहां से निकलने वाला जहरीला लीचेड अरावली में एक नदी की तरह बहने लगा हैं। इस दरअसल यह नदी शनिवार और रविवार की बारिश के बाद यहां पर बहने लगी थी।

पर्यावरणविदों की माने तो यह पानी यहां के वातावरण, भूमि, भूजल और जीव जंतुओं और पेड़ पौधों के लिए बड़ा ही खतरनाक है। क्योंकि इस जहरीले पानी को पीने से उनकी मौत हो सकती है, वहीं पेड़ पौधों सूख जाएंगे। जानकारी के लिए बता दें कि यह प्लांट करीब 30 एकड़ में फैला हुआ है, इसमें गुरुग्राम और फरीदाबाद शहर का कचरा डाला जाता हैं।

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इस प्लांट का ठीक ढंग से संचालन करना नगर निगम और एक ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की जिम्मेदारी है, लेकिन वह अपनी इस जिम्मेदारी में नाकामयाब होते हुए नजर आ रहे हैं। इसी के साथ बता दे कि पिछले साल इसी महीने में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने नगर निगम पर 100 करोड रुपए का जुर्माना लगाया था।

इस पर हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कुलदीप सिंह का कहना है कि,”शिकायत मिलने पर एक टीम को मौके पर भेजा गया था। पानी के सैंपल लिए हैं। रिपोर्ट में यदि पानी के सैंपल फेल होते हैं तो नगर निगम को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा। वहीं उच्चाधिकारियों को भी मामले से अवगत करवाया जाएगा।

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वहीं नगर निगम के स्वच्छ भारत मिशन के जॉइंट कमिश्नर प्रदीप कुमार का कहना है कि,”लीचेड वॉटर को अरावली में जाने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। बरसात के कारण प्रयास कम सफल रहे हैं। निगम लगातार प्रयास कर रहा हैं कि लीचेड वॉटर से वातावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचे।”

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