शहरवासियों की यात्रा सुविधाजनक बनाने के लिए अधिकारियों द्वारा आए दिन बड़े बड़े वादे तो किए जाते हैं, लेकिन वह वादे कभी पूरे नहीं किए जाते। दरअसल इस वक्त शहर की आबादी 22 लाख है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इन 22 लाख लोगों की यात्रा के लिए शहर में केवल 50 सिटी बसें है। हालाकि 150 बसों का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है, लेकीन प्रस्ताव को मंजूरी कब मिलेगी इस बात की अभी तक कोई पुष्टि नहीं है।
बसों की संख्या कम होने की वजह से शहर की जनता को यात्रा करने के लिए आटो का सहारा लेना पड़ता है, ऐसे में उनका काफी खर्चा हो जाता है। क्योंकि आटो चालक सवारियों से मन चाहा किराया वसूलते है। वैसे एक तरफ ऑटो का सफर जहां महंगा है, वहीं दूसरी और ऑटो से सफर करना महिलाओं के लिए असुरक्षित भी है। बता दे कि शहर में फिलहाल 30 हजार ऑटो चलते हैं।
बसों की इस कमी को लेकर FMDA की उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ गरिमा मित्तल का कहना है कि,” सिटी बसों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, वहां से कार्रवाई आगे बढ़ाने के बाद ही कुछ होगा।”