Haryana के हिमांशु यादव बने देश के युवाओं के लिए प्रेरणा, चारों तरफ़ हो रही है वहा वाही

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 Haryana के हिमांशु यादव बने देश के युवाओं के लिए प्रेरणा, चारों तरफ़ हो रही है वहा वाही

हमारे देश की प्राचीन समय से ही प्रथा रहीं हैं कि बेटियों की शादी पर उनको पिता अपनी इच्छा के अनुसार उपहार देता थे। प्राचीन समय में पिता अपनी हेसियत के हिसाब से उपहार देता था, लेकिन बदलते समय के साथ ये उपहार मांग मे तब्दील हो गए और पिता के ऊपर एक अनचाहा सा बोझ बन गया है। जिसे आज के समय में दहेज का नाम दे दिया गया है।

लेकिन जैसे जैसे देश का युवा पढ़ लिख के समझदार हो रहा है वैसे वैसे ये प्रथा खत्म होती जा रहीं हैं। जैसे अभी हाल ही में हरियाणा के नारनौल के गांव नीरपुर के रहने वाले शिक्षक विक्रम सिंह यादव ने अपने लेक्चरर बेटे हिमांशु यादव की बिना दहेज के शादी की है,उनका ये कदम अब पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है।

Haryana के हिमांशु यादव बने देश के युवाओं के लिए प्रेरणा, चारों तरफ़ हो रही है वहा वाही

क्योंकि उन्होंने केवल एक रुपया और एक नारियल के साथ शादी की है। साथ ही सारी शादी का खर्चा भी उन्होंने खुद ही उठाया है। उन्होंने वधु पक्ष से केवल बेटी ही ली है। बता दें कि हिमांशु की शादी दिल्ली की रहने वाली योशिता के साथ हुई है। इसी के साथ बता दें कि ये शादी हुडा सेक्टर के राधा-कृष्णा मैरिज गार्डन में हुई है ।

अपने बेटे के इस महान कार्य की प्रसंशा करते हुए हिमांशु की मां संतोष यादव ने बताया कि,”उनका बेटा हिमांशु यादव रोहतक में लेक्चरर कार्यरत है, उसका रिश्ता दिल्ली की रहने वाली योशिता के साथ तय होने के बाद उन्होंने वधु पक्ष को बता दिया था कि वह दहेज नहीं लेंगे। जिसके बाद उसने शगुन के तौर पर केवल नारियल और एक रुपया ही लिया। अब समाज को जागरूक होना बहुत जरूरी है, दहेज जैसी बुराई को खत्म करने के लिए सभी युवाओं को आगे आना होगा।”

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