हरियाणा सरकार ने आशा वर्कर्स के भविष्य को संवारने की दिशा में एक अहम पहल की है। अब राज्य की आशा कार्यकर्ताओं को ऑक्सिलरी नर्सिंग मिडवाइफरी (ANM) और जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (GNM) कोर्स करने की अनुमति मिल गई है। इस फैसले से न केवल उनके पेशेवर कौशल में इजाफा होगा, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न भर्तियों में उन्हें अनुभव के आधार पर अतिरिक्त अंक भी मिलेंगे।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, जिन आशा वर्कर्स का अनुभव 6 माह से 8 वर्षों के बीच है, उन्हें प्रति वर्ष अनुभव के लिए 4 अंक तक की वेटेज दी जाएगी। यह वेटेज केवल NHM (नेशनल हेल्थ मिशन) की नहीं, बल्कि नर्सिंग ऑफिसर जैसी अन्य भर्तियों में भी मान्य होगी।

प्रदेश भर में लगभग 22,000 आशा वर्कर्स इस नई व्यवस्था से लाभान्वित होंगी। हिसार जिले में फिलहाल 1386 आशा कार्यकर्ता कार्यरत हैं। वर्ष 2005 से जारी इस व्यवस्था में उन्हें ₹6100 मासिक मानदेय दिया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि वे आशा वर्कर्स के कार्य प्रदर्शन और अनुभव का पृथक रिकॉर्ड तैयार करें। इसके अलावा, जो आशा वर्कर्स नर्सिंग कोर्स करना चाहती हैं, उन्हें सिविल सर्जन व प्रभारी अधिकारी से अनुमति प्राप्त कर 20-25 किलोमीटर के दायरे में स्थित किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में प्रवेश लेना होगा। सरकार के इस निर्णय को जमीनी स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।



