हरियाणा के गुड़गांव जिले के निवासियों के लिए राहत भरी खबर है। नगर निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि घरों से कचरा एकत्रित करने वाली निगम की गाड़ियों के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क देना जरूरी नहीं है। अगर कोई आपसे ऐसा शुल्क मांग रहा है, तो तत्काल इसका भुगतान बंद कर दें। निगम ने ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

नगर निगम कमिश्नर प्रदीप दहिया ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पहले डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन के लिए चार्ज लिया जाता था, लेकिन यह व्यवस्था अब काफी समय पहले खत्म की जा चुकी है। बावजूद इसके, कुछ जगहों से शिकायतें मिली हैं कि लोगों से जबरन शुल्क वसूला जा रहा है। इस पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

कमिश्नर ने बताया कि डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण को लेकर नई नीति तैयार की जा रही है, जो जल्द ही लागू की जाएगी। इस योजना के तहत शहर को अलग-अलग चरणों में बांटा गया है। घरों से कचरा उठाकर डंपिंग स्टेशन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एक एजेंसी की होगी, जबकि डंपिंग स्टेशन पर कचरे की छंटाई और रीसाइक्लिंग का कार्य दूसरी एजेंसी के हवाले रहेगा। इसका मकसद कचरे के निस्तारण की प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाना है।
गुड़गांव में हर दिन लगभग 1200 टन कूड़ा निकलता है, जिसमें आधा हिस्सा बुल्क वेस्ट जनरेटर जैसे बड़ी हाउसिंग सोसाइटीज़ और इंडस्ट्रियल यूनिट्स से आता है। इन संस्थानों को अपने स्तर पर ही कचरे का निस्तारण करने के निर्देश दिए गए हैं।

कमिश्नर ने यह भी बताया कि नगर निगम के पास लगभग 7 लाख संपत्तियों का डाटा है, जिनमें से करीब 5.9 लाख प्रॉपर्टी से नियमित रूप से कचरा निकलता है। फिलहाल, डोर-टू-डोर कलेक्शन के लिए 800 गाड़ियों की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में केवल 300 वाहन ही इस कार्य में लगे हुए हैं। पहले दिए गए शॉर्ट टर्म टेंडर के चलते ठेकेदारों ने अपेक्षित संख्या में वाहन नहीं लगाए।

अब निगम एक विस्तृत और दीर्घकालिक योजना के तहत नई टेंडर प्रक्रिया शुरू कर रहा है ताकि जल्द से जल्द पूरी क्षमता के साथ सेवा शुरू की जा सके। योजना के लागू होते ही शहर में बनाए गए अस्थायी डंपिंग प्वाइंट्स को बंद कर दिया जाएगा, जिससे शहरी सौंदर्य में भी सुधार होगा।



