हरियाणा में 1 नवंबर से संपत्ति की रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी तरह बदलने जा रही है। राज्य के 22 जिलों की 143 तहसीलों और उप-तहसीलों में अब पेपरलेस रजिस्ट्री की व्यवस्था लागू होगी। इसके साथ ही हरियाणा देश का पहला राज्य बन जाएगा जहां संपत्ति का पंजीकरण पूरी तरह डिजिटल माध्यम से होगा।

नई प्रणाली के तहत लोग अब किसी कार्यालय के चक्कर लगाए बिना कहीं से भी ऑनलाइन संपत्ति की रजिस्ट्री करा सकेंगे। भुगतान, सत्यापन और मंजूरी सभी प्रक्रियाएं एकीकृत पोर्टल के माध्यम से होंगी। अब रजिस्ट्री केवल डिजिटल सिग्नेचर के जरिए ही मान्य मानी जाएगी।

वित्तीय आयुक्त (राजस्व) डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि मैन्युअल शुल्क वसूली को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। सभी लेन-देन अब ई-गवर्नेंस पेमेंट गेटवे से होंगे, जिससे वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और दुरुपयोग की संभावनाएं खत्म होंगी।

इस नई व्यवस्था को लागू करने से पहले 500 से अधिक रजिस्ट्री का सफल ट्रायल किया जा चुका है। साथ ही, 25 नवंबर से ऑटो म्यूटेशन सिस्टम भी शुरू किया जाएगा यानी रजिस्ट्री पूरी होते ही संपत्ति के सरकारी रिकॉर्ड में मालिक का नाम स्वचालित रूप से अपडेट हो जाएगा, जिसके लिए किसी को राजस्व कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

लोगों की सुविधा और सिस्टम की जवाबदेही बढ़ाने के लिए सभी तहसीलों में क्यूआर कोड आधारित फीडबैक प्रणाली भी शुरू की जा रही है। इससे नागरिक तुरंत सेवा की रेटिंग दे सकेंगे और किसी भी गड़बड़ी की जानकारी सीधे अधिकारियों तक पहुंचा सकेंगे।



