शहर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था अव्यवस्थित होती जा रही है। कई इलाकों में बस स्टॉप तो बने हैं, लेकिन वहां बसें रुकती ही नहीं। नतीजतन, यात्रियों को सड़क पर ही बसों का इंतजार करना पड़ता है, जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है और राहगीरों को भी परेशानी होती है।

सबसे खराब स्थिति बीके चौक पर देखने को मिल रही है। यहां बसें बीच चौराहे पर ही रुक जाती हैं, जिससे अन्य वाहनों की आवाजाही बाधित होती है और जाम की स्थिति बन जाती है। रोजाना हजारों लोग इस मार्ग से गुजरते हैं, लेकिन बसों के अनियंत्रित तरीके से रुकने के कारण दफ्तर या काम पर जाने वालों को अक्सर देर होती है।

बीके चौक के पास दो बस स्टॉप बने हुए हैं, मगर उनकी हालत इतनी जर्जर है कि यात्री वहां खड़ा होना नहीं चाहते। टूटे हुए शेड, धूल-मिट्टी और बिना सफाई के कारण ये स्टॉप केवल नाम के लिए ही हैं। बस चालक भी वहां बस रोकने से बचते हैं और चौराहे के बीच यात्रियों को चढ़ाने-उतारने लगते हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बस स्टॉप पर कोई स्पष्ट संकेतक या बोर्ड नहीं लगा है। नए यात्रियों को यह तक नहीं पता चलता कि बस कहां रुकेगी, और कई बार बस उनके सामने से निकल जाती है।
परिवहन विभाग की लापरवाही के चलते न तो बस स्टॉप की मरम्मत हो रही है और न ही ड्राइवरों पर कोई नियंत्रण दिखाई देता है। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते व्यवस्था नहीं सुधारी गई, तो किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है।



