फरीदाबाद में लगातार बढ़ रही आवारा कुत्तों की समस्या को देखते हुए नगर निगम ने अब बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत निगम जिले में एकीकृत पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) और एंटी-रेबीज टीकाकरण अभियान को लागू करने जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, हर महीने दो हजार से अधिक लोग कुत्तों के काटने के मामले में अस्पताल पहुंचते हैं, इसलिए जल्द कदम उठाना जरूरी था।

बीके अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ नवंबर में ही दो हजार से ज्यादा मरीजों को एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाए गए। रोजाना औसतन 50 से 70 लोग कुत्तों के हमलों का शिकार बन रहे हैं। बढ़ते खतरे को देखते हुए निगम करीब चार करोड़ रुपये की लागत से एबीसी मॉडल के माध्यम से समाधान की प्रक्रिया आगे बढ़ाएगा।

अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए पूरे जिले को तीन हिस्सों ओल्ड फरीदाबाद-तिगांव, एनआईटी-बड़खल और बल्लभगढ़ में विभाजित किया गया है।

निगम का कहना है कि सभी क्षेत्रों में एक साथ काम शुरू किया जाएगा ताकि किसी हिस्से में समस्या अधूरी न रह जाए और पूरे जिले में समान रूप से सुधार दिखाई दे।

सबसे पहले आवारा कुत्तों की वास्तविक संख्या का सर्वे कराया जाएगा। इसके बाद चिन्हित कुत्तों की नसबंदी की जाएगी और उन्हें एंटी-रेबीज टीका लगाने के बाद वापस उसी स्थान पर छोड़ा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि यह तरीका पूरी तरह वैज्ञानिक और मानवीय है, जिससे जानवरों को नुकसान पहुंचाए बिना आबादी और संक्रमण दोनों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।



