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विपक्ष की गैर मौजूदगी ना लोकतांत्रिक बहस फिर भी 2 दिन मे पारित हुए 15 बिल पारित ।

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विपक्ष के लगातार विपक्ष के लगातार विरोध करने पर सरकार ने राज्यसभा में 15 बिल पारित किए जिसे लेकर विपक्षी पार्टियां काफी नाराज नजर आ रहा है इसके साथ बुधवार को राज्य सभा मे 8 बिल पारित किये गए थे । जिससे विपक्षी दल ने नाखुश नजर आया

इन बिलो में 3 बिल श्रम सुधार से संबंधित तीन विवादित श्रम संहिता बिल शामिल हैं। जिसको आरएसएस से जुड़े भारतीय कामगार संघ ने कहा है कि सरकार ने इन बिलों को जल्दबाज़ी में पारित किया है और सरकार ने बिल में उनकी मांगों को शामिल नहीं किया है।

विपक्ष की गैर मौजूदगी ना लोकतांत्रिक बहस फिर भी 2 दिन मे पारित हुए 15 बिल पारित ।

बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही, सरकार समय से पहले संसद के मानसून सत्र को समाप्त कर दिया संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा, सरकार ने अपने निर्धारित कार्यकाल से पहले सदन का सत्र समाप्त करने का फैसला किया है।

विपक्ष के इन तीनो बिलो का बहिष्कार किया लेकिन इसके फौरन बाद श्रम मंत्री ने विवादित तीन श्रम कोड बिल – सामाजिक सुरक्षा कोड 2020, व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्तों पर कोड 2020 और औद्योगिक संबंध कोड 2020 चर्चा के लिए पेश किया। विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और राज्यसभा में चर्चा जारी रही।


राज्य बीमा निगम के तहत श्रमिकों को स्वास्थ्य सुरक्षा का अधिकार देने का प्रावधान 566 से बढ़ाकर 740 जिलों में किया गया है। ईपीएफओ कवरेज 20 श्रमिकों वाले सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होगा। वर्तमान में यह केवल अनुसूची में शामिल प्रतिष्ठानों पर लागू था। 20 से कम श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों को भी ईपीएफओ में शामिल होने का विकल्प दिया जा रहा है।

साथ ही, श्रमिकों की स्वास्थ्य और व्यावसायिक सुरक्षा के लिए, व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति कोड 2020 श्रमिकों को साल में एक बार मुफ्त चिकित्सा जांच प्राप्त करने और पहली बार श्रमिकों को नियुक्ति पत्र प्राप्त करने का कानूनी अधिकार देता है। श्रम संहिता में प्रवासी श्रमिकों के लिए एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है।

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