कोरोना काल में आम जनता के काम-धंधे ही नहीं बल्कि सट्टेबाज़ों के काम – धंधे भी ठप पड़ से गए हैं। आईपीएल के दौरान फरीदाबाद में ज़ोरो – शोरो से सट्टे लगते हैं। जिले में सट्टेबाजी पर लगाम लगाने के लिए पुलिस कमर कस चुकी है। सट्टेबाजों ने भी बचाव करते हुए सट्टेबाजी के इंतजाम किए हैं। जिले में, खबर के अनुसार 50 से अधिक सक्रिय सट्टेबाज़ हैं।
महामारी से पहले लगातार मैच हुआ करते थे लेकिन कोरोना ने सब बदल दिया है। खबर के अनुसार ऐसा कहा जा रहा है कि फरीदाबाद के कुछ सट्टेबाज़ों ने दिल्ली में पूरे महीने के लिए होटल या फ्लैट बुक कर लिए हैं।
आईपीएल के शुरू होते ही आत्महत्या का भी आकड़ा थोड़ा बहुत बढ़ जाता है, क्योंकि बहुत से लोग इतना पैसा हार जाते हैं कि उन्हें आत्महत्या ही सूझती है। सट्टेबाज़ किराय के घर और फ्लैटों में बैठ कर वहीं से अपना काम कर रहे हैं। कुछ शहर में ही बहुमंजिला सोसायटियों के फ्लैट में करीब एक महीने पहले परिवार सहित शिफ्ट हो गए थे।
जन्नत फिल्म से प्रेरित हो कर यह सट्टेबाज़ अब अपने फ्लैट में रहकर कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं। बहुत से ऐसे सट्टेबाज भी हैं, जो हरिद्वार चले गए हैं। वे वहीं धर्मशाला या फ्लैट किराए पर लेकर रह रहे हैं। गंगा में डुबकी लगाने के साथ ही अपने काम में भी जुटे हैं।
वुहान वायरस के आने से पहले दुनिया में मैच होते रहते थे। इसी कारण सट्टेबाज पूरे साल सक्रिय रहते थे। सट्टेबाजों के लिए कोरोना वायरस सूखा सीज़न हो गया है। आईपीएल से पहले 18 अगस्त से 11 सितंबर तक वेस्टइंडीज में कैरेबियन प्रीमियर क्रिकेट लीग खेली गई थी। सट्टेबाज इसमें भी सक्रिय हो गए थे। तब पुलिस ने 15 सट्टेबाजों को पकड़ा था।