फरीदाबाद में सूरजकुंड इस प्रकार विख्यात है जिस प्रकार विश्व में डिज़्नीलैंड। सूरजकुंड फरीदाबाद का इकलौता पयर्टन स्थल भी माना जाता है। यहां की हालत एक करोड़ खर्च होने के बाद भी बदहाल है। यहाँ पर पानी भरा है, लेकिन गदंगी की भरमार है। प्रशासन द्वारा सूरजकुंड की बदहाली दूर करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। यहां पर कुछ बौद्ध भिक्षु ही पर्यटक स्थल की देखरेख कर रहे हैं।
1 करोड़ तो सरकारी खर्चे में अधिकारीयों ने दिखा दिया है लेकिन, वहां के हालात देख कर कोई नहीं नहीं कह सकता कि सच में यहां 1 करोड़ का काम हुआ है। जिले के निकट सम्राट अशोक बुद्ध पर्यटन स्थल है, जो कि सूरजकुंड के नाम से मशहूर है।
किसी भी राज्य या जिले की खूबसूरती को वहां का पर्यटन स्थल ही चार चाँद लगाता है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तीन जनवरी 2017 को पर्यटन स्थल के रूप में अशोक बुद्ध को विकसित कराया था। वर्तमान में पर्यटन स्थल देखरेख के अभाव में बदहाल अवस्था में पहुंच गया है। पर्यटन स्थल के सौंदर्यीकरण में एक करोड़ खर्च हो चुका है। सूरजकुंड में पानी भरवाया था, लेकिन अब पानी सूख चुका है और पानी कुंड में गंदगी है।
यदि अधिकारी पैसा खाने के लिए ही नौकरी कर रहे हैं तो इस से सिर्फ देश का नाम ही ख़राब हो रहा है। यहां के मुख्य द्वार खुला रखने की वजह से कुंड तक पशु पहुंच जाते हैं। ऐसे में कुंड की शोभा बिगड़ती जा रही है। पर्यटकों को बैठने के लिए कुंड के ऊपर बनवायी गयी कुछ ब्रेंच भी उखड़ने लगी हैं। प्रशासन की ओर से इस पर्यटन स्थल की देखरेख की कोई व्यवस्था नहीं की गयी। ऐसे में नशेड़ी भी इसके अंदर घुस आते हैं।