समाज में भले ही लड़का और लड़की को समान दर्जा तो दे दिया गया है। लेकिन यही दर्जा अधिकांश घरों में अभी भी भेदभाव का कारण बना हुआ है। इसका कारण यही है कि अभी भी अधिकांश परिवार लड़की की नहीं बल्कि लड़के की चाह रखता है।
वही गर्भ में अगर लड़का नहीं लड़की आ जाए और अल्ट्रासाउंड के दौरान तस्वीरों में लड़की की तस्वीर झलक दिखने लगे तो यह बातें परिजनों को खटकने लगती है, और तुरंत वो इसका दूसरा रास्ता यानी गर्भपात चुनने लगते हैं।
परंतु गर्भपात कराना कानूनन जुर्म है, और इसके लिए कई सख्त और नियम भी बनाए जा चुके हैं, लेकिन बावजूद कुछ झोलाछाप डॉक्टर व अन्य डॉक्टर पैसों के लालच में आकर अभी भी गर्भपात जैसे गैरकानूनी कार्य को करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते।
इसका ताजा उदाहरण संजय कॉलोनी के घर में चल रहे अवैध रूप से गर्भपात को देखकर लगाया जा सकता है कि बेखौफ डॉक्टर बिना किसी डर के गर्भपात जैसे गैर कानूनी कार्य को करने में जरा भी हिचकते नहीं है।
दरसअल, पिछले कई दिनों से पलवल स्वास्थ्य विभाग को बल्लभगढ़ अस्पतालों में अवैध रूप से गर्भपात कराए जाने की सूचना मिल रही थी। इसी कड़ी में जब कोई पुख्ता सबूत ना होने के चलते स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ रखे बैठी थी।
लेकिन वही स्वास्थ्य विभाग की समझदारी के साथ संजय कॉलोनी के अस्पताल चल रहे अवैध रूप गर्भपात मामले में डॉक्टर और अस्पताल का भंडाफोड़ दिया है।
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संजय कॉलोनी में चल रहे एक घर में अस्पताल में नकली ग्राहक बनाकर एक महिला को भेजा और कथित डॉक्टर से गर्भपात कराने के लिए 7 हजार में सौदा तय हो गया।
जिसके बाद कथित डॉक्टर ने महिला को दूसरे दिन अस्पताल बुलाया और महिला से 7 हजार ले लिए और उसकी गर्भपात की प्रक्रिया शुरू करने लगी।
जैसे ही डॉक्टर ने गर्भपात की प्रक्रिया शुरू की स्वास्थ विभाग की टीम ने फौरन मौके पर जाकर कथित महिला डॉक्टर को मौके से रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से गर्भपात की दवाइयां भी बरामद कर ली स्वास्थ्य विभाग ने लिखित शिकायत देकर कथित डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए शिकायत दे दी है।