आज यहां जारी एक वक्तव्य में उन्होंने बताया कि यह योजना दो चरणों में पूरी की जाएगी, जिसके तहत प्रथम चरण में पहले से ही चल रहे 182 क्रेच केन्द्रों को सुदृढ़ व मूलभुत सुविधाएं प्रदान कर बेहतर तरीके से चलाने की योजना है। इसी प्रकार, दूसरे चरण में शेष 318 नए क्रेच केन्द्र कामकाजी महिलाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ऐसे स्थानों
पर खोले जाएंगे, जहां पर ज्यादा संख्या में महिलाएं कार्य करती हैं। उन्होंने बताया कि क्रेच केन्द्रों के प्रशिक्षण, पाठय सामग्री तथा बेहतर संचालन के लिए भी समझौता भी किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश अभी कोविड-19 संक्रमण काल से गुजर रहा है जिसके चलते सभी आंगनवाड़ी केन्द्र बंद हैं तथा बच्चे इन केन्द्रों में आने में असमर्थ हैं। बच्चों के लिए आवंटित पूरक पोषण उनके घरों में उपलब्ध करवाया जा रहा है।
परंतु आंगनवाड़ी केन्द्रों के बंद होने के कारण बच्चों के लिए निर्धारित स्कूल पूर्व शिक्षा प्रभावित हुई हैं। इसी के मदेनजर विभाग ने निर्णय लिया है कि 3 से 6 साल तक के बच्चों के लिए विशेष वर्कशीट, विभिन्न प्रकार के रंग व अन्य सामग्री उनके घरों में ही उपलब्ध करवाई जाएगी।
श्रीमती ढांडा ने बताया कि प्रत्येक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उसके अधीन क्षेत्र में समय-समय पर बच्चों द्वारा इन वर्कशीटों पर किए कार्य का मूल्यांकन करेगी तथा उनके अभिभावकों को इस संबंध में जानकारी देगी ताकि वे घरों में बच्चों की अनौपचारिक शिक्षा पर ध्यान दें सकें।