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हुड्डा और खट्टर की हिम्मत नहीं है कि बरोदा के लोगों का सामना कर सकें

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हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष के निमंत्रण पर मंगलवार को गीता सार मासिक पत्रिका और विधायकों के लिए झंडा विमोचन के अवसर पर इनेलो के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय चौटाला हरियाणा विधानसभा पहुंचे।

आयोजन में भाग लेने के बाद इनेलो नेता ने पत्रकारों से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष एवं मुख्यमंत्री के एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लडऩे की चुनौती पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस प्रदेश में दो व्यक्ति ऐसे हैं जो प्रेस कांफ्रे स करके बरोदा उपचुनाव लड़ रहे हैं, मैं तो कहता हँू कि भूपेंद्र हुड्डा और मुख्यमंत्री चुनौती देने की बजाय चुनाव लड़ लें ताकि दोनों को अंदाजा लग जाए कि वो कहां खड़े हैं।

उन्होंने कहा कि बरोदा हलके में 54 गाँव हैं और वो इन सभी गांवों का दौरा कर चुके हैं लेकिन ना तो हुड्डा और न ही मुख्यमंत्री एक भी गाँव में अब तक गए हैं।

हुड्डा और खट्टर की हिम्मत नहीं है कि बरोदा के लोगों का सामना कर सकें

उन्होंने कहा कि हुड्डा और खट्टर की हिम्मत नहीं है कि बरोदा के लोगों का सामना कर सकें क्योंकि हुड्डा ने अपने दस साल के शासन में कोई काम नहीं किया व हलके के लोगों की अनदेखी की। वहीं, भाजपा की हालत ऐसी है कि बरोदा तो छोड़ो वो प्रदेश के किसी भी गांव में जाकर अपना कार्यक्रम नहीं कर सकते क्योंकि उन्होंने जो तीन काले कृषि कानून बनाए हैं वो किसानों के खिलाफ हैं।

हुड्डा और खट्टर की हिम्मत नहीं है कि बरोदा के लोगों का सामना कर सकें


किसानों में उसको लेकर बहुत गुस्सा है और लोग तब तक इसका विरोध करेंगे जब तक इनमें संशोधन नहीं हो जाता।उम्मीदवार की घोषणा पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि वो बुधवार 14 अक्तूबर को अपने उम्मीदवार की घोषणा कर देंगे और पार्टी उसको अपना उम्मीदवार बनाएगी जिसने पार्टी को मजबूत करने का काम किया है इसलिए हमारा हर एक कार्यकर्ता अपने आप में उम्मीदवार होगा।

किसानों के धरने पर जवाब देते हुए कहा कि जहां भी भाजपा और जजपा के विधायक हैं और जो कहते हैं कि वो किसान के घर पैदा हुए हैं उन लोगों को विरोध का सामना करना पड़ेगा। अगर वो किसानों के हितैषी हैं तो फिर पुलिस बल का इस्तेमाल करके लोगों में भय पैदा करने के बजाय उनको किसानों के साथ आकर खड़ा होना पड़ेगा।

हुड्डा और खट्टर की हिम्मत नहीं है कि बरोदा के लोगों का सामना कर सकें


कृषि कानूनों पर विधान सभा सत्र बुलाने पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हर हालत में सत्र बुलाना चाहिए और कृषि पर बनाए गए काले कानूनों पर खुल कर चर्चा करनी चाहिए लेकिन भाजपा सरकार ऐसा करेगी नहीं क्योंकि विधानसभा में उनकी पोल न खुल जाए इसलिए कोविड का बहाना बना कर टाल देगी।

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