भारत में मौजूद इस रहस्यमयी पुल के बारे में जानकर आप इस जगह जाने को लालाईत हो जाएंगे, एक बार ज़रूर जाने

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आज भारत में कई ऐसी रहस्यमयी चीज़े है जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। आपने कई पुल और ब्रिज देखे होंगे। अब आपको एक ऐसे रहस्य पुल के बारे में बताने जा रहे है जिसे सुनने के लिए आप भी इच्छुक होंगे। दरअसल भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में घने जंगल, दुर्गम घाटियां और बीहड़ हैं।

छोटी-छोटी पहाड़ी नदियां हैं, जो मानसून के दौरान उफनती रहती हैं। यहां लकड़ी के पुल बहुत जल्द गलने लगेंगे या बह जाएंगे। स्टील और कंक्रीट से बने पुलों की भी सीमाएं हैं। लेकिन आपको यह जान कर हैरानी होगा कि जिंदा पेड़ों की जड़ों से बनाए गए पुल कई सदियों तक चल सकते हैं।

भारत में मौजूद इस रहस्यमयी पुल के बारे में जानकर आप इस जगह जाने को लालाईत हो जाएंगे, एक बार ज़रूर जाने

भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में चेरापूंजी स्थित यह पुल कई मायनों में ख़ास है। ईंट, मसाले या लकड़ियों की बजाय इसे पेड़ों की जड़ों से बनाया गया है। चेरापूंजी को दुनिया के सबसे नम स्थानों में जाना जाता है।

स्थानीय खासी जनजाति ने बहुत पहले ही ये सीख लिया था कि पेड़ की जड़ों को किसी ख़ास दिशा में कैसे पहुंचाया जाता है। वे इसके लिए बांस का इस्तेमाल करते थे।

भारत में मौजूद इस रहस्यमयी पुल के बारे में जानकर आप इस जगह जाने को लालाईत हो जाएंगे, एक बार ज़रूर जाने

आपको बता दे कि यहां कुछ पुल तो 30 मीटर से अधिक लंबे हैं और लगभग 50 लोगों का वजन सहन कर सकते हैं। वहीं मेघालय के जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग वहां उगने वाले बृक्षों की जड़ों और शाखाओं को एक दूसरे से सम्बद्ध कर पुल का रूप दे देते हैं।

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इस प्रकार के पुल ही जीवित जड़ पुल कहलाते हैं। इनको बनाने में रबर फ़िग वृक्ष की हवाई जडों का प्रयोग किया जाता है और इनका निर्माण खासी एवं जयन्तिया जनजाति के लोग ही किया करते हैं। यह जगह पर्यटकों को बहुत ही आकर्षक लगती है,जो उनके लिए किसी रहस्य से कम नही है।