उपायुक्त ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत आयोजित मीटिंग में दिए निर्देश

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उपायुक्त यशपाल ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत हमें गंभीरता से कार्य करने हैं। इनमें गर्भ में लिंग जांच करने वाले अल्ट्रासाउंड केंद्रों व उनके संचालकों के खिलाफ हमें सख्त कार्रवाई करनी है।

इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और पुलिस बेहतर तालमेल के साथ कार्य करें और छापामार कार्रवाई भी तेज करें। उपायुक्त यशपाल बुधवार को लघु सचिवालय के प्रथम तल स्थित कॉन्फ्रेंस हाल में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की समीक्षा कर रहे थे।

उपायुक्त ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत आयोजित मीटिंग में दिए निर्देश

उपायुक्त ने कहा कि जिन लोगों के खिलाफ हमें लिंगजांच के मामले में कार्रवाई की है उन्हें अदालत में सजा भी दिलवानी है। इसके लिए जितने भी सबूत हैं उन्हें बेहतर ढंग से अदालत में प्रस्तुत करें। इसके लिए जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की मदद भी लें। उपायुक्त ने कहा कि उन्होंने निर्देश दिए थे कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत उन गांवों पर विशेष निगरानी रखी जाए

जहां पर लिंगानुपात काफी कम है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इनमें से पांच गांवों को शुरूआत में लिया है। इनमें से कई गांवों में बेहतर सुधार भी देखने को मिले हैं। इस पर उपायुक्त ने कहा कि हमें इन दस गांवों में ही नहीं बल्कि जिला के प्रत्येक गांव व शहर की प्रत्येक कालोनी व वार्ड में भी यह ध्यान रखना है कि प्रत्येक गर्भवती महिला की प्रत्येक माह जानकारी जुटाई जाए।

उपायुक्त ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत आयोजित मीटिंग में दिए निर्देश

अगर किसी महिला का गर्भपात हुआ है तो यह देखा जाए कि इसके पीछे कारण क्या रहा है? उन्होंने कहा कि इसकी पूरी जानकारी भी स्वास्थ्य विभाग के साथ सांझा की जाए। उन्होंने कहा कि आशा व आंगनवाड़ी वर्कर इस पूरे अभियान में एक टीम बनाकर कार्य करें।

मीटिंग में उपायुक्त ने पोक्सो एक्ट के मामलों की समीक्षा करते हुए कहा कि इन मामलों में स्टेटस रिपोर्ट लगातार प्रस्तुत करें। अगर कोई पीडि़त बच्ची है तो उसे तुरंत सभी जरूरी मदद मिलनी चाहिए। वन स्टाप सेंटर में अब तक आए मामलों की समीक्षा भी उपायुक्त ने मीटिंग के दौरान की।

उपायुक्त ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत आयोजित मीटिंग में दिए निर्देश

इस दौरान उन्होंने बताया कि जिला के सभी 1294 आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को समय से पोषक पौषाहार मिले और इन बच्चों की लगातार मॉनिटरिंग भी की जाए। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिला में की जा रही विभिन्न गतिविधियों की एक प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत की। 

उपायुक्त ने कहा कि प्रत्येक बेटी को बचाना, उसे बेहतर पोषक आहार देना और उसके बाद उसकी शिक्षा का बेहतर प्रबंध करना हमारा कर्तव्य है और हमें इसके लिए मिलकर कार्य करना है।