करीब तीन साल बाद भी नगर निगम के 40 वार्ड में से एक के सर भी नहीं सज सका आदर्श वार्ड का खिताब

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भले ही आए दिन नगर निगम प्रशासन और नेताओं द्वारा अपने वार्ड में विकास का राग अलापा जाता है। इसके बावजूद भी वार्ड की खस्ता हालत आमजन को सौगात के रूप में सालों से मिली हुई है। ऐसे में जहां नगर निगम के पास 40 वार्ड का खजाना है

बावजूद इनमें से एक को भी आदर्श बना पाए रखने में नगर निगम असमर्थ साबित हुआ है। ऐसे में बड़े खेद की बात है कि करीब 3 वर्ष बीत चुके हैं बावजूद आज तक नगर निगम एक वार्ड को भी आदर्श नहीं बना पाया।

करीब तीन साल बाद भी नगर निगम के 40 वार्ड में से एक के सर भी नहीं सज सका आदर्श वार्ड का खिताब

कई बार पांच वार्डों को आदर्श बनाने की पहल की गई थी, मगर आज तक काम पूरा नहीं हुआ है। आदर्श वार्ड बनाने की कोशिश मात्र खानापूर्ति ही साबित हुई है। यही वजह है कि आज भी हर वार्ड में गीला व सूखा एक साथ एकत्र किया जा रहा है।

वैसे तो नगर निगम द्वारा इकोग्रीन की सहायता से हर वार्ड को साफ व स्वच्छ रखने का दावा किया जाता है। मगर वास्तविकता बिल्कुल इसके विपरीत है। बता दे कि इकोग्रीन ने दिसंबर, 2017 में घर-घर से कचरा एकत्र करने का काम शुरू किया था।

करीब तीन साल बाद भी नगर निगम के 40 वार्ड में से एक के सर भी नहीं सज सका आदर्श वार्ड का खिताब

इकोग्रीन को एमओयू के मुताबिक हर वार्ड से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र करना था, मगर आज तक ऐसा नहीं हो पाया था। कुछ महीने पहले इकोग्रीन ने वार्ड नंबर 7, 12, 27, 30 तथा 35 को आदर्श वार्ड बनाने का काम शुरू किया था।

इकोग्रीन के वाहनों में कर्मचारियों की ओर से शुरुआती समय में तो गीला व सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र किया जाने लगा था। मगर कुछ समय बीतते ही अब फिर वही स्थिति बन गई है। वाहनों में कर्मचारी गीला व सूखा कचरा एकत्र करने के मामले में गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।

लोग भी जागरूक नहीं हैं। वही आमजन का कहना है कि कूड़ा उठाने वाला वाहन रोजाना नहीं आता है जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

नगर निगम के निगमायुक्त की कथनी

निगमायुक्त डा. यश गर्ग ने कहा कि हम सभी वार्डों को धीरे-धीरे आदर्श बनाएंगे। आरडब्ल्यूए और सामाजिक संगठनों को स्वच्छता अभियान से जोड़ा गया है। इकोग्रीन कंपनी के अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने वाहनों की संख्या बढ़ाएं। पहले चरण में पांच वार्डों को आदर्श बनाएं। गीला कचरा अलग से एकत्र करें, ताकि खाद बनाई जा सके।