बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाना है तो इनपर अभी लगाए लॉकडॉउन

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फरीदाबाद जिले में जहां वैश्विक महामारी ने अपने पांव जमा लिए हैं। वहीं दूसरी ओर बढ़ते हुए प्रदूषण ने भी फरीदाबाद वासियों का सांस लेने दुश्वार किया हुआ है। ऐसे में लोगों को जागरूक करने में हर मुमकिन प्रयास किए जा रहे है, लेकिन परिणाम कुल मिला कर शून्य ही नजर आया है।

इसका कारण यह है कि अब लोगों को कोरोना वायरस नामक संक्रमण से किसी भी प्रकार का डर नजर ही नहीं आ रहा है। हर कोई अपने कार्य में मग्न हो गया है। ऐसे में सबसे अधिक प्रभावित स्वास्थ्य विभाग हो गया है, क्योंकि दिन प्रतिदिन बढ़ते आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के लिए सर दर्द का कारण बन गया है।

बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाना है तो इनपर अभी लगाए लॉकडॉउन

ऐसे में लॉक डाउन लगाने की आवश्यकता है इसके कोई दो राय नहीं है। वही बात करें कि लॉक डाउन उन स्थानों पर और उन क्षेत्रों पर लगाना होगा जहां से यह संक्रमण और प्रदूषण बढ़ रहा है। संक्रमण के साथ साथ पर्यावरण प्रदूषण भी बढ़ता ही दिखाई दे रहा है।

प्रदूषण के कारण

जैसा कि सभी जानते है फरीदाबाद एक औद्योगिक नगरी के नाम से भी जाना जाता है जहां पर लोग अपने सपनों को भी पूरा करने के लिए आते हैं चाहे व्यवसाय की स्थिति से देखा जाए या फिर नौकरी की स्थिति से देखा जाए फरीदाबाद लोगों के लिए रोजगार के भी अच्छे अवसर प्रदान करता है

फरीदाबाद में चलने वाली फैक्ट्री भी प्रदूषण को बढ़ावा देने का अहम काम करते हैं प्रदूषण बढ़ाने में सबसे अहम भूमिका पराली ने निभाई है वहीं दूसरी और प्रदूषण को प्रभावशाली बनाने में दोपहिया वाहन ,तिपहिया वाहन और चार पहिया वाहनो से निकलने वाला धुआं वातावरण को अशुद्ध कर रहा है।

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इतना ही नहीं सड़क निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई भी जमकर की जा रही है। ऐसे में मनुष्य को ऑक्सीजन देने वाले पेड़ पौध ही नहीं होंगे तो हरियाली के साथ-साथ ऑक्सीजन की भी कमी होगी।

इसलिए सरकार को इस विषय पर गंभीरता पूर्वक विचार विमर्श करते हुए पराली जलाने पर लॉक डाउन तो वहीं कूड़ा करकट जलाने पर नकेल कसनी होगी।

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इतना ही नहीं वाहन चालकों से भी नम्र विनंती ना कर सख्त हिदायत देनी होगी।तभी कहीं जाकर बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाने योग्य हो पाएंगे।