शनिवार को जैसे ही हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने अपने ट्वीटर अकाउंट से अपने आपको संक्रमित होने की जानकारी साँझा की वैसे ही कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी पर अनेको सवाल खड़े ही गए।
पहले ही महामारी से परेशान हो रही पुरे देश की जनता की नजर कोरोना से बचाव के लिए बनाई जा रही दवाई पर थी,,परन्तु लगता अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा ,
हालाँकि करीब 15 दिन पहले वोलिंटर बने अनिल विज को इस दवा के तीसरे चरण में चल रहे ट्रायल में दवाई की डोज़ दी गई थी पर उसके 15 दिन बाद ही स्वास्थ्य मंत्री कोरोना संक्रमित हो गए इससे भारत बायोटेक की चिंताए बढ़ गई।
भारत बायोटेक ने रखा पक्ष
जहा पुरे देश की उम्मीद पर पानी तो फिर ही उससे भी ज्यादा लोगो को निराशा हुई है कि कितना कोरोना की दवाई के लिए इंतज़ार करना पड़ेगा। बतादे की वैक्सीन लगने के बाद यह पहला मामला है।
स्वास्थ्य मंत्री के संक्रमित होने की बात से दवाई बनाने वाली कंपनी की मुस्किले बढ़ गई है मामले ने जैसे ही तूल पकड़ना शुरू किया वैसे ही कंपनी ने अपनी सफाई में कहा की जब तक दूसरी डोज़ नहीं दी जाती तब तक दवाई असरदार नहीं है
कपंनी ने दवा करते हुए कहा है की इस दवाई को इस तरह से बनाया गया है की इस की प्रक्रिया 28 दिन में दो डोज़ से पूरी हो ,,,उसके बाद ही इसकी ऐफिकेसी पता लग सकेगा। गृह मंत्री को 14 दिन बाद डोज़ लगनी थी लेकिन उससे पहले ही अनिल विज संक्रमित हो गए है ।
दरअसल बतादे की भारत बायोटेक का 20 नवंबर से कोरोना से बचाव के लिए बनने वाली कोवैक्सीन का तीसर चरण शुरू किया गया था इसके फाइनल फेज़ में गृह मंत्री अनिल विज को डोज़ दी गई थी ।