दिल्ली बॉर्डर पर जारी रही किसानों के इंसाफ की लड़ाई, उधर एमपी में हो गई पहली कार्यवाही

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एक तरफ किसानों के आंदोलन का आज लगातार 16 वां दिन जारी है। वही दूसरी तरफ केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए नए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग अधिनियम के तहत मध्य प्रदेश राज्य में पहली बार गाज गिर चुकी है। दरसअल, कॉन्ट्रैक्ट के बावजूद भी कंपनी द्वारा धान नहीं खरीदा गया था।

जिस पर केंद्र सरकार के नए कानून के तहत एक्शन लेते हुए शिकायत दर्ज हुई। जिसके उपरांत कंपनी द्वारा फिर से किसानों का धान खरीदने के लिए तैयार हो गई। दरअसल जब कृषि विभाग को उक्त मामले की शिकायत मिली तो विभाग द्वारा किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) ‘अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020’ के नियम-कायदों के अनुसार कार्रवाई करते हुए किसानों को न्याय दिलाया है।

दिल्ली बॉर्डर पर जारी रही किसानों के इंसाफ की लड़ाई, उधर एमपी में हो गई पहली कार्यवाही

पूरा वाकया मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के पिपरिया तहसील के भौखेड़ी सहित अन्य गांवों के किसानों से मंडी के उच्चतम मूल्य पर धान खरीदी करने के लिए जून 2020 में फॉर्चून राइस लिमिटेड कंपनी दिल्ली ने लिखित करार किया था। वही कंपनी ने शुरू में अनुबंध के अनुसार धान की खरीद भी की थी। परंतु संबंधित धान के भाव 3000 रुपये प्रति क्विंटल होने पर नौ दिसंबर को कंपनी के कर्मचारियों ने खरीदी बंद कर फोन बंद कर लिए।

10 दिसंबर को भौखेड़ी के किसान पुष्पराज पटेल और ब्रजेश पटेल ने एसडीएम पिपरिया को शिकायत की। शिकायत पर जिला प्रशासन ने कृषि विभाग से मार्गदर्शन मांगा। कृषि विभाग ने उन्हें कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट की धारा 14 के तहत सर्वप्रथम बोर्ड के गठन की कार्रवाई करने और फिर भी व्यापारी के न मानने पर उसके खिलाफ आदेश पारित करने की सलाह दी।

इस मामले में एसडीएम पिपरिया की कोर्ट ने समन जारी कर फॉर्चून राइस लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि को 24 घंटे में जवाब के लिए तलब किया. एसडीएम कोर्ट से जारी समन पर फॉर्चून राइस लिमिटेड के डायरेक्टर अजय भलोटिया ने जबाव प्रस्तुत किया.

जिस पर कृषक सशक्तिकरण एवं संरक्षण अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 की धारा 14 (2) (ए) के तहत गठन किया. बोर्ड में तहसीलदार पिपरिया और किसानों के प्रतिनिधि को शामिल किया गया।

दिल्ली बॉर्डर पर जारी रही किसानों के इंसाफ की लड़ाई, उधर एमपी में हो गई पहली कार्यवाही

बोर्ड के समक्ष कंपनी ने 9 दिसंबर के पहले अनुबंध अनुसार उच्चतम दर पर धान क्रय करना स्वीकार किया और बाजार मूल्य बढ़ जाने पर खरीदी अनुबंध के अनुसार नहीं करने की बात मान ली गयी. बोर्ड में सहमति के आधार पर फॉर्चून राइस लिमिटेड कंपनी दिल्ली ने अनुबंधित कृषकों से 2950 रुपये के साथ 50 रुपये बोनस कुल 3,000 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने के लिए सहमति दी।