प्रदेश सरकार द्वारा 7 दिसंबर को पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण 33 से 50 फ़ीसदी करने की अधिसूचना को जारी कर दिया है। इतना ही नहीं बल्कि सरकार द्वारा 6 नवंबर को विधानसभा में पंचायती राज एक्ट में संशोधन कर यह प्रावधान किया था।
जानकारी के मुताबिक अभी तक जहां जिस पंचायत में केवल पुरुष प्रधान हुआ करते थे उस सीट पर अब महिला प्रधान के लिए आरक्षित सीट होगी।
जिस पंचायत में अभी पुरुष प्रधान हैं, वहां पर इस बार सीट महिला प्रधान के लिए आरक्षित होगी। इतना ही नहीं इस बार सीटें सम विषम के आधार पर आरक्षित किए जाएंगे। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा
कि पंचायती राज विभाग का समय बचेगा क्योंकि इससे पहले ड्रॉ करने में काफी समय व्यर्थ हो जाया करता था। अब हर पंचायत को सम विषम आधार पर कोड विभाजित कर दिए जाएंगे वही इसके चलते ड्रा की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया गया है।
सम विषम के आधार पर आरक्षण देने की प्रतिक्रिया सरकार की अधिसूचना पंचायती राज निदेशालय द्वारा दी जाएगी। जिस पर एक समिति का भी गठन किया जाएगा। यह समिति किए गए नए बदलाव के अनुसार नए नियम व शर्तें लागू करवाएगी।
नई नियमावली पंचायती राज विभाग राज्य निर्वाचन आयोग को भेजेगा। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को सम-विषम के तहत आरक्षण की व्यवस्था करने के निर्देश देगा। जिलों में आरक्षण तय होने के बाद जनवरी-फरवरी में किसी भी समय चुनाव कराने की घोषणा की जाएगी।
इसका अर्थ यह होगा कि अब हर 5 साल में होने वाले चुनाव में पंचायत को महिला सरपंच मिला करेंगे। वही बताते चले कि यह सभी नियम आरक्षित पदों पर पूर्ण तरीके से लागू किए जाएंगे। इससे हटकर ग्राम पंचायत के पंचों के मामले में भी यही प्रतिक्रिया लागू की जाएगी। पंचों के 50 फ़ीसदी पद पर महिलाओं को आरक्षित किया जाएगा।
ये व्यवस्था ग्राम पंचायतों के बाद जिला परिषद और ब्लॉक पंचायत समिति में भी लागू रहेगी। जिला परिषद और ब्लॉक समिति के सदस्यों और अध्यक्ष के पदों के लिए भी सम-विषम लागू होगा। एससी और अन्य आरक्षित सीटों पर भी महिला आरक्षण लागू किया जाएगा।