बंदरो के आतंक ने किया फरीदाबाद को परेशान ,कोर्ट में खा जाते है वकीलों का खाना

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फरीदबाद : एक तो सर्दी का कहर दूसरा बंदरो का आतंक यह दोनों चीजे फरीदाबादवासियों के लिए जी का जंजाल बन गई है इनकी वज़ह से शहरवासियों ने घूमना बंद कर दिया हैं। सुबह हो या शाम बंदरो से सभी परेशान है। जिसकी वज़ह से छत पर जाना भी बंद हो गया है।

बंदरों के आतंक से शहरवासी पर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। उत्पाती बंदर दिनभर गलियों, मकान की छतों पर डेरा डाले रहते है। ऐसे में लोगों का गलियों में निकलना व छतों पर सर्दी के दिनों में बैठना मुश्किल हो गया है। दिनों दिन बढ़ते बंदरों के आतंक से शहरवासी खासे परेशान हो रहे हैं। बावजूद इसके प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।

बंदरो के आतंक ने किया फरीदाबाद को परेशान ,कोर्ट में खा जाते है वकीलों का खाना

सैनिक कॉलोनी डी डी आहूजा ने बताया कि उत्पाती बंदर छत पर सूखते कपड़े फाड़ने व खाने-पीने की सामग्री हाथों से झपटकर ले जाते है। इन उत्पाती बंदरों ने कई लोगों को काटकर घायल भी कर दिया है। ऐसे में लोगों में भय का माहौल बना हुआ है।

सेक्टर 62 के रहने वाले गणेश कुमार ने बताया कि वह पेशे वकील है। सेक्टर 12 स्थित कोर्ट में प्रेक्टीस के लिए जाते है। उन्होंने बताया कि कोर्ट परिसर में बंदरों का आतंक बहुत जयादा हैं। बंदरो की वज़ह से कोर्ट में खाना भी नहीं खा पाते। इसकी वज़ह से वकीलों ने खाना बंद कर दिया।

बंदरो के आतंक ने किया फरीदाबाद को परेशान ,कोर्ट में खा जाते है वकीलों का खाना

आर डब्लू ए यू ई सेक्टर 21 डी के वाईस प्रेजिडेंट एस पी सेठ ने बताया की सेक्टर में बंदर दिनभर गलियों में डेरा डाल रखते है। आने-जाने वाले राहगीरों पर अचानक धावा बोलते है। उत्पाती बंदरों के कारण बच्चों का गलियों में खेलना तक बंद हो गया है। इसके अलावा बंदरो ने छतों पर लगी पानी के टैंकर की पाइप लाइन को तोड़ देते है।

बंदरो के आतंक ने किया फरीदाबाद को परेशान ,कोर्ट में खा जाते है वकीलों का खाना

जिसकी वज़ह से वह कहीं बार पाइप लाइन को ठीक करवा चुके हैं। बंदरों के आतंक की वज़ह से सेक्टर वासियों ने घर की बालकॉनी में गमलों को रखना बंद कर दिया हैं। क्योंकि बंदर गमलों को भी तोड़ कर चले जाते हैं। लोगों ने बचाव के चलते हजारों खर्च कर अपने मकानों में लोहे की जालियां लगवाई है।

बंदरो के आतंक ने किया फरीदाबाद को परेशान ,कोर्ट में खा जाते है वकीलों का खाना

आर डब्लू ए सेक्टर 15 के प्रधान नीरज चावला ने बताया की बंदरों के काटने के अधिकतर मामले बच्चे, बुजुर्ग तथा महिलाओं के साथ सामने आए हैं। बंदर छोटे बच्चों तथा महिलाओं को आसानी से शिकार बनाकर इन्हें जख्मी कर रहे हैं। बंदरो का झुंड सेक्टर में आते है और सेक्टर के पार्क से लेकर घरों में रखे गमलों को तोड़ देते हैं।

एडिशनल कमीश्नर इंदरजीत ने बताया कि उनकी ओर से वाइल्ड लाइफ को लेटर लिखा जा चुका है। परमिशन मिलने के बाद बंदरो को उनकी दिशानिर्देश के अनुसार पकड़े जाएंगे।