फरीदाबाद। आज शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने पंडित जवाहरलाल नेहरू कॉलेज पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यक्रम का आयोजन एनएसयूआई हरियाणा के पूर्व प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री की अध्यक्षता में किया गया। इस दौरान छात्रों ने ‘इंकलाब जिंदाबाद’, ‘शहीद भगत सिंह- अमर रहे’ के नारे लगा कर भगत सिंह को याद किया।
एनएसयूआई हरियाणा के पूर्व प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने शहीद भगत सिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के समय में भगत सिंह केवल एक वीर शहीद इंसान ना होकर बल्कि एक विचारधारा बन गये हैं। उन्होंने बताया की 1907 में आज ही के दिन भारत माँ के क्रांतिकारी सपूत ने जन्म लिया था जिसने पूरे देश में आजादी की लड़ाई का बिगुल बजाया था। उन्होंने कहा कि वह 14 वर्ष की आयु से ही पंजाब की क्रांतिकारी संस्थाओं में कार्य करने लगे थे।
अमृतसर में 13 अप्रैल, 1919 को हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह की सोच पर इतना गहरा प्रभाव डाला कि लाहौर के नेशनल कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर भगत सिंह ने भारत की आजादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की। काकोरी कांड में रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ सहित 4 क्रांतिकारियों को फांसी व 16 अन्य को कारावास की सजा से भगत सिंह इतने ज्यादा बेचैन हुए कि चन्द्रशेखर आजाद के साथ उनकी पार्टी हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन से जुड़ गए और उसे एक नया नाम दिया ‘हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’। इस संगठन का उद्देश्य सेवा,त्याग और पीड़ा झेल सकने वाले नवयुवक तैयार करना था।
अत्री ने कहा कि भगत सिंह की शहादत से न केवल अपने देश के स्वतंत्रता संघर्ष को गति मिली बल्कि नवयुवकों के लिए भी वह प्रेरणा स्रोत बन गए। वह देश के समस्त शहीदों के सिरमौर बन गए। आज भी सारा देश उनके बलिदान को बड़ी गंभीरता व सम्मान से याद करता है। देश की जनता उन्हें आजादी के दीवाने के रूप में देखती हैं।
इस मौके पर आरिफ खान, राजबीर सिंह, अमन पंडित, राहुल वर्मा, शिवम शर्मा, रेहान, कृष्ण रावत, पंकज, राहुल, मौसिम, प्रतीक, निशांत कटारिया, जसविंदर, अनिल, अजय, रोहित, अजित, अंकुश, खुशबू चौधरी, अंजली, सोनी, संजना, पायल आदि मौजूद थे।