क्या एनसीआर से बाहर हो सकता है फरीदाबाद और गुड़गांव अब बने एनजीटी के नोटिस और स्क्रैप पॉलिसी मुसीबत

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एनसीआर एक ऐसा क्षेत्र है जहा विभिन्न तरीके के लोग रहते है ऐसे में अब यह क्षेत्र बढ़ता जा रहा है।जो सरकार के लिए फायदा कमकर रहा है बल्कि एक सरदर्द बना हुआ है।आए दिन यहांपर एनजीटी का नोटिस आते रहते है।जिससे सरकार बहुत परेशान हो चुकी है। स्क्रैप पॉलिसी के तहत 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन को एनसीआर में जब्त करने का नियम है।

क्या एनसीआर से बाहर हो सकता है फरीदाबाद और गुड़गांव अब बने एनजीटी के नोटिस और स्क्रैप पॉलिसी मुसीबत

आपको बता दे की हरियाणा सरकार ने एक फैसला लिया है ।यह फैसला एनजीटी के नोटिस और केंद्र सरकार की नई स्क्रैप पॉलिसी के कारण आ रही परेशानियों को देखते हुए लिया गया।

क्या एनसीआर से बाहर हो सकता है फरीदाबाद और गुड़गांव अब बने एनजीटी के नोटिस और स्क्रैप पॉलिसी मुसीबत

अब हरियाणा सरकार एनसीआर का दायरा घटाएगी। दिल्ली में राजघाट को केंद्र मानते हुए नया हिस्सा तय किया जाएगा। साथ ही एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को इसका प्रस्ताव भेजा जा चुका है।वही सरकार ने 50 किलोमीटर और 100 किलोमीटर रेडियस का प्रस्ताव दिया है।

अब विवाद यह भी है की एनसीआर के क्षेत्र का चयन टेढ़ा-मेढा नही होना चाहिए। इसे अब सर्कुलर में ही रखा जाए। एनसीआरपीबी ने सरकार की बात पर गौर किया है। अन्य राज्यों से भी विचार विमर्श किया है।

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साथ ही बताए तो स्क्रैप पॉलिसी के तहत 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन को एनसीआर में जब्त करने का नियम है। अब सरकार की अक्लमंदी हरियाणा का दायरा घटाने में ही होगी।

पहले भी कई जिले एन सी आर से कई जिले बाहर हो चुके है लेकिन अभी भिवानी, दादरी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, पलवल, मेवात, जींद और करनाल के असंध समेत प्रदेश के 13 जिले एनसीआर में शामिल हैं।साथ ही हिसार एन सी आर में शामिल नहीं है।

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वही दूसरी ओर सरकार का ये भी कहना है की जहा तक भी हाईवे लिया जाना है वो ले लिया जाए,उसमे कोई दिक्कत नही होगी।एनसीआरपीबी चाहे तो हाईवे अंबाला तक ले ले।

50 किलोमीटर की रेडियस के हिसाब से देखा जाए तो केएमपी के थोड़ा ऊपर का एरिया एनसीआर में आता है। वहीं,100 किलोमीटर के दायरे में अधिक क्षेत्र आएगा, जिसमें भिवानी जींद सहित घरौंडा भी शामिल होगा।

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हरियाणा सरकार इस साल के अंत तक गुरुग्राम जिले से पांच हजार डीजल ऑटो को सड़कों से हटाएगी। पर्यावरण संरक्षण व बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। इनके स्थान पर सरकार ई-ऑटो चलवाएगी।

इसके लिए डीजल ऑटो मालिकों को लोन भी दिया जाएगा। इसके अलावा पुराने डीजल ऑटो के स्क्रैप के तौर पर तीस हजार रुपये सरकार दिलाएगी। सुप्रीम कोर्ट के एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण कम करने के आदेशों के बाद सरकार ने इस पर काम शुरू किया है। ई-ऑटो से वायु प्रदूषण भी नहीं होगा और ऑटो चालकों को बचत अधिक होगी। इससे वे नए ऑटो की किस्तें आसानी से भर सकेंगे।

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अभी की बात की जाए तो तोशाम,भिवानी, महेंद्रगढ़ और बाढड़ा में पाबंदियां अधिक हैं, लेकिन फायदे कुछ नहीं है। एनसीआर क्षेत्र में आने वाले एनजीटी के नोटिस इन जिलों तक प्रभावी होते हैं। हुड्डा सरकार ने जाते-जाते एनसीआर का दायरा बढ़ाया था। लोगों के हित को देखते हुए अब इस दायरे को कम करना गठबंधन सरकार की मजबूरी बनता जा रहा है।