महिलाएं अब किसी से कम नहीं हैं। महिलाओं को लेकर सभी की सोच बदल रही है। महिलाएं हर फील्ड में सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। पुलिस विभाग में भी महिलाओं का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला है। हाल ही में दिल्ली पुलिस ने राजधानी की कानून व्यवस्था और अच्छा बनाने के लिए शहर को 15 जिलों में विभाजित किया है।
महिलाओं के प्रति जो सोच थी अब वह बदलने लगी है। नए आदेशों के अनुसार प्रत्येक जिले की जिम्मेदारी जिला पुलिस उपायुक्त को दी गई है। हर तीन जिलों की निगरानी के लिए एक रेंज बनाई गई है।
पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने महिला आईपीएस अधिकारियों पर अधिक विश्वास रखते हुए उन्हें 6 जिलों की कमान सौंपी है। इन आईपीएस अधिकारियों में ऐसी जाबाज और काबिल महिलाएं हैं जिनका नाम सुनते ही अपराधी थर-थर कांपने लगते हैं।
बेनिता मेरी जयकर, DCP साउथ
अपराधियों की कॉलोनी में यह एक ऐसा नाम हैं जिसे सुनकर उनके होश उड़ जाते हैं। आईपीएस बेनिता जयकर केरल की रहने वाली हैं। उन्होंने डीयू से ग्रैजुएशन किया है। यहां पढ़ते समय उन्होंने 2010 में सिविल सर्विसेज की एग्जाम पास की। इसके बाद उनका सिलेक्शन भारतीय पुलिस सेवा के लिए हो गया।
ऊषा रंगरानी, DCP नॉर्थ वेस्ट
इनका नाम उनके इलाके में काफी सुना जाता है। यह अपने काम के लिए काफी प्रख्यात हैं। ऊषा रंगनानी नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की डीसीपी हैं। वे इस वर्ष जनवरी में डीसीपी तैनात हुई थी। वे 2011 बैच की आईपीएस हैं। दिलचस्प बात ये है कि नॉर्थ वेस्ट जिले में इससे पहले दो टर्म में भी महिला IPS थी। इसमें 2009 बैच की आईपीएस विजयंता आर्या और असलम खान थी।
श्वेता चौहान, DCP सेंट्रल
श्वेता का नाम सुनते ही अपराधियों में बेचैनी बढ़ने लगती है। सेंट्रल दिल्ली की डीसीपी श्वेता चौहान साल 2010 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। उनके अनुसार सेन्ट्रल दिल्ली बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र है। इसलिए वह इस इलाके में संपूर्ण निगरानी और अपराध नियंत्रण को अपनी सबसे बड़ी चुनौती मानती हैं।