भाभी को विधवा देख देवर का दिल पिघला, भतीजी के जन्मदिन पर उसकी मां से की शादी

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    इंसान की ज़िंदगी में काफी मुश्किल दौर आते हैं। लोगों की किस्मत का कभी कुछ पता नहीं होता है। पापा कहने से पहले ही महामारी ने 5 माह की बेटी आरू का पिता छीन लिया। 8 माह बाद उसे पहले जन्मदिन पर दादा-दादी की जिद पर पिता का साया मिल गया। वहीं पति की मौत के सदमे से उबर रही सपना का देवर अब जीवनभर का हमसफर बन गया। रिश्तों की यह इबारत विधवा बहू के सास-ससुर और अजिया ससुर ने मिलकर लिखी।

    यह कहानी फ़िल्मी नहीं बल्कि हकीकत है। कहानी ऐसी है कि अशोक चौधरी के बेटे सूरज का 2018 में फतेहपुर सीकरी की सपना चौधरी से विवाह हुआ था। इनके घर बेटी हुई जिसे आरू उर्फ जीविका नाम दिया। अप्रैल में सूरज संक्रमित हो गया, उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

    भाभी को विधवा देख देवर का दिल पिघला, भतीजी के जन्मदिन पर उसकी मां से की शादी

    घर में मातम छा गया। हर कोई घर में उनकी बातें करने लगा। उनके भाई मनोज , पिता अशोक , सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी दादा सरदार सिंह और सपना की तो दुनिया ही उजड़ गई। बहू की रोनी सूरत अजिया ससुर सरदार सिंह चौधरी और सास-ससुर देखते थे तो वे भी रो पड़ते थे। सपना के परिवार ने उसके दूसरे विवाह का विचार बनाया तो ससुराल वाले बोले हम अपना बेटा खो चुके हैं। अब बहू और पोती को खोना नहीं चाहते।

    भाभी को विधवा देख देवर का दिल पिघला, भतीजी के जन्मदिन पर उसकी मां से की शादी

    पूरे इलाके में अब इस विवाह की चर्चा है। हर कोई इनकी बात कर रहा है। परिवार ने सूरज के छोटे भाई मनोज से सपना का ब्याह करने का विचार बनाया। माता-पिता की जिद के आगे मनोज और सपना को सहमति देना पड़ी। जिस दिन पोती का पहला जन्मदिन आया उसी दिन दोनों की शादी कर दी, ताकि दोनों को नया जीवन मिले और पोती को पिता।

    भाभी को विधवा देख देवर का दिल पिघला, भतीजी के जन्मदिन पर उसकी मां से की शादी

    कभी-कभी हमें दुनिया क्या सोचेगी इस बात को ज़हन में न लाके नेक भरे काम करने चाहिए। जब किसी महिला के पति की असमय मौत होती है वो हालात के आगे बेबस, लाचार और मजबूर हो जाती है और लोगों की तरह तरह की बातें सहन करती रहती है।