सोमवार को दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे परियोजना के तहत बाईपास पर सराय ख्वाजा के पास बनाए जा रहे करीब 12 फुट गहरे नाले में मोटरसाइकिल गिरने से दो युवकों की मौत हो गई थी। मृतकों की पहचान यशोदा नगर कानपुर निवासी 48 वर्षीय ज्योति प्रकाश और 27 वर्षीय आलोक गुप्ता के रूप में हुई थी। इस मामले में सराय ख्वाजा थाना पुलिस ने निर्माण कर रहे ठेकेदार के खिलाफ लापरवाही से मौत की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस का कहना है कि मृतकों के स्वजन ने कोई शिकायत नहीं दी थी। इसलिए यह मुकदमा मौके पर पहुंचे संतोष नगर निवासी राकेश गुप्ता की शिकायत पर दर्ज हुआ।
उन्होंने कि निर्माण कार्य के लिए ठीक तरह से नाकाबंदी नहीं की गई थी। मौके पर रोशनी का भी प्रबंध नहीं था। इस कारण यह हादसा हुआ। पुलिस का कहना है कि ठेकेदार का नाम जांच के दौरान सामने आएगा।
इस मामले में पुलिस ने खुद पहल करते हुए मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा ने पिछले दिनों कहा था कि अगर सड़क हादसे में ठेकेदार या निर्माण कंपनी की लापरवाही सामने आएगी तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।
पुलिस का कहना है कि हादसे में दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर रहे ठेकेदार की लापरवाही सामने आई थी। निर्माणाधीन नाले से कुछ दूरी पर बैरिकेड लगाए हुए थे।
बैरिकेड्स इतने हल्के थे कि मोटरसाइकिल की टक्कर से गिर पड़े। घटनास्थल के पास लाइट लगी थी, मगर निर्माण कार्य के चलते बंद रहती हैं और रात में यहां अंधेरा रहता है।