छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ पर अंकुश लगाने के लिए तैयार तीन कमेटी अध्यापकों की योग्यता की करेगी जांच

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 छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ पर अंकुश लगाने के लिए तैयार तीन कमेटी अध्यापकों की योग्यता की करेगी जांच

बच्चों को देश का भविष्य कहा जाता है और इन्हीं भविष्य के हाथों में देश की नहीं होती है यही कारण है कि छात्रों के भविष्य के साथ किसी सरकार का खिलवाड़ ना हो इसके लिए इसका जिम्मा शिक्षा और योग्य अध्यापकों को सौंपा जाता है। मगर आजकल हो रहे घोटाले के बाद से अशिक्षित और अयोग्य अध्यापक छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा। ऐसा ना हो सके इसके लिए राजकीय मिडिल स्कूलों में कार्यरत एससी-बीसी मुख्य अध्यापकों की योग्यता जांचने के लिए विभाग ने कार्रवाई शुरू करते हुए विभाग के निदेशक ने 3 कमेटियों का गठन कर दिया है।



दरअसल, यह कमेटियां अब जांच करने के उपरांत 17 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। इस संबंध में विभाग के निदेशक ने आदेश जारी कर 7 फरवरी से जांच करने का शेड्यूल भी जारी कर दिया है। गौरतलब, शिक्षा विभाग ने पिछले वर्षों के दौरान प्रदेश भर के 1600 से ज्यादा अध्यापकों को पदोन्नति देकर मिडिल हेड बनाया। लेकिन इसके बाद आरोप लगने शुरू हो गए।

छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ पर अंकुश लगाने के लिए तैयार तीन कमेटी अध्यापकों की योग्यता की करेगी जांच

आरोप लगे कि नियमों को ताक पर रखकर पदोन्नति दे दी गई। योग्यता पूरी ना करने वालों को भी पदोन्नत किया गया। ऐस में शिकायतें बढ़ी तो विभाग ने संज्ञान लिया और मुख्य सचिव ने जांच की अनुशंसा की।

मुख्य सचिव ने 29 जून 2021 को अनुशंसा की थी। आरोप थे कि ऐसे अध्यापकों को भी पदोन्नत करके मिडिल हेड बना दिया गया तो इसके लिए निर्धारित योग्यताएं भी पूरी नहीं करते थे। शिकायतों की संख्या बढ़ने पर विभाग ने एक्शन लिया और जांच के आदेश दिए।

छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ पर अंकुश लगाने के लिए तैयार तीन कमेटी अध्यापकों की योग्यता की करेगी जांच

मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक अंशज सिंह ने आदेश जारी किया। इसमें कहा है कि जांच करने के लिए तीन कमेटियों का गठन किया गया है। ये कमेटियां वर्तमान में काम कर रहे मौलिक शिक्षा स्कूल के मुख्य अध्यापकों की योग्यता प्रमाण पत्रों की जांच करेगी। इस संबंध में मुख्य सचिव ने आदेश जारी किए थे। इन सभी उम्मीदवारों को जांच के लिए पंचकूला बुलाया जाएगा।

पहली कमेटी में पानीपत के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बृजमोहन की चेयरमैन होंगे। इस कमेटी में सहायक डायरेक्टर मनोज वर्मा और उपाधीक्षक राजीव शर्मा शामिल होंगे। ये कमेटी अंबाला के 103 उम्मीदवारों की 7 फरवरी को जांच में शामिल करेगी। फरीदाबाद के 30 और फतेहाबाद के 83 उम्मीदवारों की जांच 8 फरवरी को करेगी। इसके अलावा फरवरी को कैथल के 67, पंचकूला के 37 उम्मीदवारों को जांच में शामिल किया जाएगा। 10 फरवरी को महेंद्रगढ़ के 143 की जांच होगी। 11 फरवरी को पलवल के 82 उम्मीदवारों को जांच के लिए बुलाया जाएगा।



वहीं दूसरी कमेटी का चेयरमैन यमुनानगर के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी राम दिया गागट को बनाया गया है। इस कमेटी में वीरेंद्र गोदारा सहायक निदेशक और अधीक्षक सुनील लोहान शामिल हैं। ये कमेटी हिसार, गुरुग्राम, झज्जर, करनाल, रोहतक, मेवात और सिरसा के उम्मीदवारों की योग्यता की जांच करेगी। इसका शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है। शेड्यूल के अनुसार कमेटी 7 फरवरी को हिसार के 111 उम्मीदवार, 8 फरवरी को गुरुग्राम के 75 और झज्जर के 44 उम्मीदवार, 9 फरवरी को करनाल के 90 उम्मीदवार और रोहतक के 13 उम्मीदवारों की जांच करेगी। इसके अलावा 10 फरवरी को मेवात के 165 और 11 फरवरी को सिरसा के 86 उम्मीदवारों की योग्यता जांचेगी।

छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ पर अंकुश लगाने के लिए तैयार तीन कमेटी अध्यापकों की योग्यता की करेगी जांच





तीसरी कमेटी में अंबाला के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी अनूप सिंह जाखड़ को चेयरमैन बनाया गया है। इनके साथ सदस्य के रूप में सहायक निदेशक शकुंतला सिंधु और अधीक्षक सुबोध कुमार को शामिल किया गया है। ये कमेटी 7 फरवरी को भिवानी के 84, चरखी दादरी के 31 उम्मीदवारों की जांच करेगी। 8 फरवरी को जींद के 87 और पानीपत के 36 उम्मीदवारों को जांच के लिए बुलाएगी। इसके अलावा 9 फरवरी को कुरुक्षेत्र के 97 और 10 फरवरी को रेवाड़ी के 115 उम्मीदवारों की जांच करेगी। इसके अतिरिक्त 11 फरवरी को सोनीपत के 35 और यमुनानगर के 82 उम्मीदवारों की योग्यता जांचेगी।