हरियाणा के ठगों ने ठगी के लिए अपनाया नया तरीका, अगर आप भी प्लॉट खरीदने निकलें तो कही आप भी न हो जाए शिकार

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 हरियाणा के ठगों ने ठगी के लिए अपनाया नया तरीका, अगर आप भी प्लॉट खरीदने निकलें तो कही आप भी न हो जाए शिकार

आज कल हर एक अपना घर का सपना हर कोई संजो रहा हैं। मगर आलम यह हैं कि लोगों के इन सपनों को तोड़ने वाले ठगों की मार्केट में कोई कमी नही हैं। दरअसल, ठग अब दिन प्रतिदिन एक अलग तरीका अपना कर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं।
इस नए तरीके में वह अब प्लॉट का विज्ञापन छपवाकर बस स्टेशन और रेलवे स्टेशनों पर चिपकाने के साथ ही यात्रियों को दे देते हैं।

जब यात्री संबंधित विज्ञापन पर दिए गए नंबरों पर कॉल कर प्लॉट खरीदने की बात करता है, तो ठग उन्हें प्लॉट देखने के लिए बुलाते हैं और दूसरे के प्लॉट को अपना बताकर उनसे बुकिंग अमाउंट लेकर फ़र्ज़ी दस्तावेज़ दे देते हैं। या फिर एक ही प्लॉट दिखाकर कई लोगों को फ़र्ज़ी दस्तावेज़ दिखा कर बेच देते हैं।

हरियाणा के ठगों ने ठगी के लिए अपनाया नया तरीका, अगर आप भी प्लॉट खरीदने निकलें तो कही आप भी न हो जाए शिकार




प्लॉटों की ख़रीद बिक्री में एक ऐसा ही ठगी का मामला हरियाणा के करनाल में सामने आया है। टाउनशिप बनाने के नाम बिहार के पटना का रहने वाला सलिल नारायण ने ठगी की है। हालांकि हरियाणा पुलिस आरोपित को पटना से गिरफ़्तार कर हरियाणा ले आई है।

करनाल स्थित सीसी टैंक टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं संजीव कुमार ने सलिल और उनके साथी के ख़िलाफ़ मुकदम किया था । संजीव कुमार की लिखित शिकायत पर 2021 में हरियाणा पुलिस ने धर्मपाल के पूर परिवार (पत्नी अनुप्रिया, दो बेटे अमित अरोड़ा और शिवम अरोड़ा) के साथ-साथ पटना निवासी सलिल नारायण और शिक्षा नारायण पर धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की गई थी।

हरियाणा के ठगों ने ठगी के लिए अपनाया नया तरीका, अगर आप भी प्लॉट खरीदने निकलें तो कही आप भी न हो जाए शिकार




हरियाणा में टाउनशिप बनाने के नाम 15 करोड़ रुपये ठगी करने वाले आरोपी सलिल नारायण को हरियाणा पुलिस ने गांधी मैदान थाना पुलिस (पटना) की मदद से गिरफ़्तार कर लिया। मिली जानकारी के मुताबिक गोलघर पार्क रोड स्थित मकान से की आरोपी की गिरफ़्तारी की गई है। कानूनी कार्रवाई और कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद हरियाणा पुलिस की टीम आरोपी सलिल को साथ लेकर हरियाणा आ गई है।

पुलिस की दी गई जानकारी के मुताबिक हरियाणा पुलिस टीम धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट का वारंट लेकर सलिल को गिरफ़्ता करने पहुंची थी। स्थानीय पुलिस (पटना पुलिस) की मदद से काफ़ी तफ़्तीश के बाद आरोपी (सलील) पकड़ में आया। साल 2008 से ही आरोपी सलिल और उसके पांच दोस्त ठगी का काम कर रहे हैं।