यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध बढ़ता ही जा रहा है। यह रुकने का बिल्कुल भी नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच रूस ने यूक्रेन के कई शहरों में बमबारी और भी ज्यादा तेज कर दी है। इसके साथ ही रूसी सेना यूक्रेन के सैन्य ठिकानों को तबाह कर दी जा रही है। यूक्रेन के परमाणु संयंत्र पर रूस का कब्जा हो गया है। अब वह यूक्रेन के दूसरे शहरों पर भी हमला करते जा रहा है।
दोनों देशों के बीच जिस तरह से जंग बढ़ती जा रही है। उसको देखकर भारत भी काफी चिंता में नजर आ रहा है। इस वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात कर चुके हैं।
आपको बता दे, इसी वजह से उन्होंने एक बार फिर पुतीन से फोन पर बात की और भारत को लेकर अपनी चिंता जताई। इसके फौरन बाद ही पुतिन ने एक बड़ा फैसला ले लिया।
देश के प्रधानमंत्री को भारत के बच्चे जो यूक्रेन के शहरों में फंसे हुए हैं, उनकी बहुत ज्यादा चिंता है। मोदी ने उनको वहां से निकालने के लिए काफी कदम उठाए हैं। इनमें सबसे बड़ा कदम सरकार ने 4 मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजना है। सभी मंत्री वहां मौजूद हैं और वहां पर फंसे छात्र-छात्राओं को निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि यूक्रेन के सभी शहरों में अब कर्फ्यू लग गया है। ऐसे में बच्चे घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। यूक्रेन ने रूसी हमलों को देखते हुए यह कदम उठाया है। इस वजह से भारतीय बच्चे वहां फंस गए हैं। खासकर कीव से तो भारतवासियों को निकाल लिया गया है लेकिन खरकीव में अब भी देश के लोग फंसे हुए हैं।
मोदी ने जब अपनी चिंता रूस के राष्ट्रपति को बताई, तो उन्होंने बड़ा फैसला ले लिया। उन्होंने भारत के बच्चों के लिए 6 घंटे युद्ध रोकने का निर्णय लिया। जी हां, जो रूस बड़े-बड़े देशों की बात नहीं मान रहा था, वह अब भारत की बात मान गया है। इतना ही नहीं पुतिन ने कहा कि रूसी सेना अब भारतीय बच्चों के लिए सुरक्षित कॉरिडोर बनाएगी और उनको खारकीव से रूस तक सुरक्षित निकालकर लाएगी।
इसके अलावा रूस का कहना है कि यूक्रेन में फंसे भारतीय बच्चों की वह डाल बनकर लड़ाई कर रहा है। पुनीत ने इस आदेश के बाद मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिल गई है। साथ ही वहां फंसे बच्चों के सुरक्षित भारत तक पहुंचने की आश भी जागी है।