सरकार ने हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो में सीबीआई के चार वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल करने का निर्णय लिया है. हालांकि इनमें से एक अधिकारी की नियुक्ति को सीएम मनोहर लाल पहले ही मंजूरी दे चुके हैं. वहीं अब गुरुवार को अंत तीन अधिकारियों की नियुक्ति पर सहमति बन गई है.
खास बात यह है कि ये अधिकारी एक करोड़ तक के भ्रष्टाचार मामले में कार्रवाई करने में सक्षम होंगे. ये सभी रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी होंगे और विभिन्न राज्यों से होंगे.
सरकार का मानना है कि इस फैसले से मामले की जांच अच्छे से हो सकेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा. इनके अनुभव का पूरा पूरा लाभ मिलेगा. सरकार का कहना है कि कई बार विजिलेंस के अधिकारी उच्च सत्र की जांच करने से चूक जाते हैं ऐसे में अब यह अधिकारी टीम की मदद करेंगे.
सीबीआई का पूछताछ और जांच करने का तरीका बिल्कुल अलग होता है. हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो में राज्य के पुलिस अधिकारी ही शामिल होते हैं और उनका जांच का तरीका अन्य पुलिस अधिकारियों के समान ही होता है.
इसके साथ साथ सरकार डिवीजन स्तर पर विजिलेंस ब्यूरो बनाने की तैयारी कर रही है. इन ब्यूरो में आईजी से लेकर डीआईजी रैंक के अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा.
इसके साथ सरकार द्वारा हाई परचेज मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया है. इसका अध्यक्ष मुख्य सचिव संजीव कौशल को बनाया गया है, जिनकी अध्यक्षता में इस कमेटी का गठन होना है.