डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दिया बयान- हरियाणा की राजधानी चड़ीगढ़ है और रहेगी, हम अपने हिस्से का पानी लेकर रहेंगे

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 डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दिया बयान- हरियाणा की राजधानी चड़ीगढ़ है और रहेगी, हम अपने हिस्से का पानी लेकर रहेंगे

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा रखे गए प्रस्ताव का समर्थन किया और केन्द्र सरकार से इस प्रस्ताव पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया। सदन में डिप्टी सीएम ने राजधानी चंडीगढ़, एसवाईएल, विधानसभा, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट और पंजाब यूनिवर्सिटी आदि में हरियाणा की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की मांग केंद्र से की। साथ ही डिप्टी सीएम ने कहा कि देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौ. देवीलाल ने बीआरओ के माध्यम से एसवाईएल का निर्माण कार्य शुरू करवाया था और आज केंद्र सरकार भी इसी तरह नहर का निर्माण करवाकर हरियाणा को उसके हिस्से का पानी दिलाए।

उपमुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ है और रहेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1966 में शाह कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार खरड़, मोहाली क्षेत्र को भी चंडीगढ़ के साथ हरियाणा का हिस्सा बनाए जाने की बात कही गई है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि शाह कमीशन की रिपोर्ट पर केंद्र विचार करें और इस दिशा में कोई उचित कदम उठाए।

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दिया बयान- हरियाणा की राजधानी चड़ीगढ़ है और रहेगी, हम अपने हिस्से का पानी लेकर रहेंगे



दुष्यंत चौटाला ने कहा कि चंडीगढ़ में हरियाणा की 40 फीसदी की हिस्सेदारी कम हो रही है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ यूटी में कार्यरत अधिकारियों के मामले में हरियाणा व पंजाब का 40-60 का हिस्सा है परंतु इसमें हरियाणा की भागेदारी धीरे-धीरे कम की जा रही है। उन्होंने हरियाणा की हिस्सेदारी को पुन ठीक करने की मांग की।

डिप्टी सीएम ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमैंट बोर्ड में किए गये बदलाव पर केन्द्र सरकार से मांग की कि इसमें हरियाणा के सदस्यों की संख्या पहले की तरह रखी जाए। उन्होंने विधानसभा भवन पर भी 40-60 की हिस्सेदारी की बात उठाई और कहा कि वर्तमान में हरियाणा का हिस्सा केवल 27 प्रतिशत है, जबकि इसको 40 प्रतिशत किया जाना चाहिए। दुष्यंत चौटाला ने केन्द्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि हरियाणा विधानसभा का भवन अलग से बनाने के लिए चण्डीगढ़ में जमीन दी जाए।

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दुष्यंत चौटाला ने पंजाब एण्ड हरियाणा हाई कोर्ट में जजों के अनुपात का मामला उठाते हुए कहा कि अगर टॉप 14 जजों की नियुक्ति देखी जाए तो इनमें 13 जज या तो पंजाब राज्य के हैं या किसी दूसरे राज्य के हैं जबकि हरियाणा से आने वाले जजों का अनुपात भी नियमानुसार होना चाहिए। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि हरियाणा के लिए अलग हाईकोर्ट परिसर बनाया जाए या फिर मामलों के आधार पर हाईकोर्ट में हरियाणा की पूरी हिस्सेदारी केंद्र दिलाए क्योंकि 55 फीसदी केस फाइलिंग हरियाणा की होती है।

उपमुख्यमंत्री ने पंजाब यूनिवर्सिटी में भी हिस्सेदारी का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें पहले हरियाणा की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी होती थी, परंतु अब कुछ कारणों से कम कर दी गई है। इससे यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने वाले बच्चों को लाभ कम हो रहा है। दुष्यंत चौटाला ने केन्द्र सरकार का इस बात के लिए आभार भी जताया कि यूटी चंडीगढ़ में निकलने वाली भर्तियों में पंजाबी भाषा की अनिवार्यता को खत्म किया गया है और इससे हरियाणा के युवाओं को भी आवेदन करने का मौका मिलेगा।

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डिप्टी सीएम ने एसवाईएल के पानी को लेकर कहा कि हरियाणा अपने हिस्से का पानी लेने को लेकर निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि जैसे देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री जननायक चौधरी देवीलाल ने बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के माध्यम से एसवाईएल का निर्माण कार्य शुरू करवाया था, उसी तरह केंद्र भी जल्द कदम उठाएं। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिए है, केंद्र उन निर्देशों की जल्द से जल्द पालना करवाए और नहर का निर्माण करवाएं।