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आज से शुरू हो रहा है सावन का पावन महीना, इस विधि से करें शंकर भगवान की आराधना

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6 जुलाई से सावन का पावन महीना शुरू होने जा रहा है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है। श्रद्धालु लोग उत्तराखंड के हरिद्वार और झारखंड के देवघर आदि स्थानों पर भगवान शिव को जल अर्पित करने के लिए जाते हैं।

इस बार सावन का पहला दिन सोमवार को पड़ रहा है जो शंकर भगवान का प्रिय दिन माना जाता है,और सावन महीने की समाप्ति भी सोमवार को हो रही है। सावन महीने में सोमवार का व्रत रखने से सभी तरह की इच्छाएं और मनोकामनाएं पूरी होती है।

आज से शुरू हो रहा है सावन का पावन महीना, इस विधि से करें शंकर भगवान की आराधना

आज हम इस लेख में आपको बताएंगे सोमवार व्रत की पूजा विधि।

शंकर भगवान की पूजा भांग धतूरा बेलपत्र दूध आदि से की जाती है। ऐसी मान्यता है कि शंकर भगवान को बेलपत्र सबसे ज्यादा अच्छा लगता है इसलिए शिवभक्त बेलपत्र शंकर भगवान की आराधना करते हैं।

दूध का क्यों है इतना महत्व?

आज से शुरू हो रहा है सावन का पावन महीना, इस विधि से करें शंकर भगवान की आराधना

शंकर भगवान को श्रद्धालु दूध अर्पण करते हैं, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि सावन महीने में लगातार बारिश होता है जिसके कारण कई तरह के कीड़े मकोड़े उत्पन्न हो जाते हैं। कई तरह के विषैले घास और वनस्पति भी उग जाते हैं और जब दूध देने वाले जानवर जैसे गाय भैंस इस घास और वनस्पतियों खाते हैं तो उनका दूध जहरीला हो जाता है। सावन महीने में ही भगवान शिव ने इन सब का विषपान किया था जिस कारण सावन महीने में भगवान शिव की दूध से पूजा की जाती है।

सावन में पड़ने वाले प्रमुख त्यौहार।

8 जुलाई – गणेश चतुर्थी
16 जुलाई -कामिका एकादशी
20 जुलाई हरियाली अमावस्या 23 जुलाई हरियाली तीज 24 जुलाई विनायकी चतुर्थी 25 जुलाई नाग पंचमी 30 जुलाई पुत्रदा एकादशी 3 अगस्त रक्षाबंधन

इस बार सावन में पड़ रहे हैं पांच सोमवार

सावन में इस बार 5 सोमवार पड रहे हैं जो संजोग है। ज्योतिषियों ने बताया कि इस बार का पांच सोमवार इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वेद पुराण में भी भगवान शिव के 5 मुख का वर्णन किया गया है तथा मानव देह का निर्माण भी पांच तत्वों से हुआ है, इसलिए यह सावन महीना काफी महत्वपूर्ण है।

आज से शुरू हो रहा है सावन का पावन महीना, इस विधि से करें शंकर भगवान की आराधना

सावन के सोमवार का क्यों इतना महत्व?

सावन महीने में सोमवार का विशेष महत्व होता है, सावन के सोमवार को विवाहित महिला अपने वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि के लिए व्रत करती है, तो अविवाहित महिला भी भगवान शिव की आराधना करती है और इच्छा अनुसार वर मांगती है।

पौराणिक कथा के अनुसार सोमवार का दिन चंद्र ग्रह का भी दिन होता है और चंद्रमा के नियंत्रक शंकर भगवान है, इसलिए इस दिन पूजा करने से न केवल चंद्रमा बल्कि शंकर भगवान की भी कृपा मिलती है।जो व्यक्ति स्वस्थ की समस्या से ग्रसित है, या उसके शादी में बाधा आ रही है, या दरिद्रता छाई हो तो वह सावन का सोमवार को विधिपूर्वक शंकर भगवान की पूजा करता है तो उसकी सारी समस्या दूर होती है। सोमवार और भगवान शंकर के संबंध के कारण ही मां पार्वती ने सोलह सोमवार का व्रत रखा था। सावन के सोमवार को संतान की समस्याओं और विवाह के लिए भी शुभ माना जाता है।

Written by – Ankit Kunwar

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