फरीदबाद नहर पार के लोगो को नहीं मिल पाएगी पानी की किल्लत से आजादी, ये है बड़ी वजह

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 फरीदबाद नहर पार के लोगो को नहीं मिल पाएगी पानी की किल्लत से आजादी, ये है बड़ी वजह

यदि पानी ना होगा तो जीवन कितना कष्टदायक हो जाता है इसका अंदाजा हम सभी लगा सकते है यदि 1 दिन बिना पानी के रहना पड़े तो कितना मुश्किल हो जाता है लेकिन फरीदाबाद शहर में कुछ ऐसे भी लोग है जो बिना पानी के परेशान हो रहे है पानी की समस्या को दूर करने के लिए अमरूत योजना को लाया गया था

परन्तु नहर पार के क्षेत्रों की दर्जनों कालोनियों के लोगों को अभी पेयजल किल्लत से राहत मिलने में वक्त लगेगा। इन क्षेत्रों में केंद्र की अमरुत योजना के तहत शुरू किया गया काम लगभग पांच महीने से रुका हुआ है। इससे यह लगता है की यह गर्मी का सीजन इन लोगो के लिए कास्थदायक ही होगा

फरीदबाद नहर पार के लोगो को नहीं मिल पाएगी पानी की किल्लत से आजादी, ये है बड़ी वजह

बताया जा रहा है कि दो ठेकेदारों के बीच विवाद के चलते यह काम रुका हुआ है। हालांकि नगर निगम के अधिकारी कहते हैं कि पाइप लाइन डालने और बूस्टर बनाने का लगभग 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। बाकी अन्य संयंत्र लगने के बाद रेनीवेल का पानी इन बूस्टर तक पहुंचाया जाएगा। चार वर्ष पहले शुरू हुआ था काम

फरीदबाद नहर पार के लोगो को नहीं मिल पाएगी पानी की किल्लत से आजादी, ये है बड़ी वजह

इस योजना के तहत फरीदाबाद के तीगांव की कई कॉलोनियों में लाइन डालने का काम शुरू किया गया था जिसमे सरस्वती कालोनी, नंबरदार कालोनी, सूर्य नगर, सूर्य विहार, शिव कालोनी, श्याम कालोनी, भट्टा कालोनी, दीपावली कालोनी, कृष्णा कालोनी, बसंतपुर, छज्जन नगर, पल्ला-बसंतपुर रोड पर पानी की पाइप लाइनें डाली गई हैं।

फरीदबाद नहर पार के लोगो को नहीं मिल पाएगी पानी की किल्लत से आजादी, ये है बड़ी वजह

यह बडी आबादी वाला ईलाका है। साथ ही पल्ला-बसंतपुर रोड, अगवानपुर तथा ओम एन्क्लेव में बूस्टर बनवाया गया है। कई जगह पाइपलाइनों को अभी कवर नहीं किया गया है। मोटरों को स्थापित करने के बाद यहां रेनीवेल से पानी की आपूर्ति की जाएगी। बूस्टर से विभिन्न क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति की जाएगी। पर अभी तक यह कार्य पूरा नहीं हुआ है

फरीदबाद नहर पार के लोगो को नहीं मिल पाएगी पानी की किल्लत से आजादी, ये है बड़ी वजह

नगर निगम अधीक्षण अभियंता ओम बीर सिंह ने कहा की अमरुत योजना के तहत पेयजल लाइनों के काम पर लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। जिस कंपनी को यहां काम दिया गया था, उस कंपनी ने आगे यही काम अन्य ठेकेदार को सौंप दिया। उनके आपसी विवाद के चलते काम रुक गया है। ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किए जाने पर विचार कर रहे हैं। काम की समीक्षा की जा रही है। कोशिश कर रहे हैं कि जल्द ही काम को गति दी जाए।