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फरीदाबाद के स्कूल चालक परिचालक बरत रहे है लापारवाही, बस में बच्चे को हो सकता है खतरा

यूपी गाजियाबाद के मोदीनगर में एक निजी स्कूल के 11 वर्षीय छात्रा अनुराग भारद्वाज कि जिस तरह से असम में दर्दनाक मौत हुई।अगर समय रहते स्कूल प्रबंधन अभिभावक व यातायात पुलिस नहीं जागी तो उसी तरह की घटना अपने यहां भी हो कभी भी हो सकती है।इस तरह की लापरवाही अपने शहर की सड़कों पर भी देखी जा सकती है। निजी स्कूल की बसों से जा बच्चे कभी सिर बाहर निकालकर और कभी हाथ बाहर निकाल कर चलते हैं।


इसी तरह से स्कूल से ऑटो में बच्चे का समूह फुल भरे रहते हैं यह सभी 1782 शहर के प्रमुख चौक चौराहे से निकलते हैं। जहां ट्रैफिक पुलिस चालान काटती तो नजर आती पर इनकी ओर से आंख मूंद लेती है। यह अलग बात है कि कभी प्रशासन के उच्चाधिकारियों की ओर से खास तरह के दिशानिर्देश आते हैं ।तो चौराहे के पुलिस विशेष रूप से सक्रिय हो जाती है।बस ,स्कूल वैन ऑटो की जांच कर उनकी धरपकड़ शुरू कर देती है। बानो को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के स्पष्ट दिशानिर्देश हैं पर कई स्कूल इन नियमों की पूरी तरह से पालन नहीं करते हैं।


जानकारी के अनुसार बस से बच्चों ने हाथ बाहर निकाल रखे थे। शहर के व्यस्त चौराहे नीलम चौक से बीके चौक के पास से निकलते समय एक स्कूल वैन में आगे की सीट पर बैठा बच्चा जिसने खिड़की से हाथ बाहर निकाल रखा था।अदालत मैं जारी किए दिशा निर्देश स्कूलों में नहीं माने जा रहे हैं।बादशाह खान चौक के पास निकलती नहीं जिससे बच्चे सवार है स्कूली बच्चों ने हाथ बाहर निकाल रखे है।

सबसे पहले तो अभिभावकों को दूर स्कूलों में दाखिला करने की वजह अपने घर के नजदीक के स्कूलों में दाखिला करना चाहिए। बच्चे का शरीर कोमल होता है।वह सुबह 1 घंटे में छुट्टी के बाद एक घंटा अनावश्यक रूप से बस में सफर करता है।दूसरे की बस में जाना ही है तो स्कूल छुट्टी के समय बस में बैठा कर चलते समय ड्राइवर कंडक्टर अत्यंत पूरी तरह से सजग रहे।


समय समय पर स्कूल प्रबंधन भी औचक निरीक्षण एक ही नियमों का पालन हो रहा है। अपने नौनिहालों की सुरक्षा के प्रति उन्हें अगर लापरवाही नजर आती है। तो स्कूल प्रबंधन को समय पर इस से अवगत कराएं।बस चालक के पास कम से कम 5 वर्ष का अनुभव हो और ड्राइविंग लाइसेंस हो ।


मीडियम स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक कर बस चालको द्वारा यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा जाएगा।स्कूल प्रबंधन को निर्देश देंगे कि स्कूल बैग और बसों पर प्रशिक्षक चालक व्यवसायिक रखें। यातायात पुलिसकर्मी सड़क पर स्कूल बसों में विशेष ध्यान रखें। अगर नियमों का उल्लंघन करते समय मिलेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

deepika gaur

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