भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा पंचायत शिक्षक संजीव कुमार ने खून से दीवार पर लिख दिया..!

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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा पंचायत शिक्षक संजीव कुमार ने खून से दीवार पर लिख दिया :- 2015 के बाद से इनको वेतन नहीं मिला था क्योंकि सरकारी अधिकारी बिना घुस के भुगतान करने को तैयार नहीं थे। डुमरा थाना क्षेत्र स्थित हवाई अड्डा मैदान मे शनिवार की शाम वेतन भुगतान नहीं होने से वंचित पंचायत शिक्षक ने गला व हाथ का नस काटकर आत्महत्या की कोशिश की।

खून से लथपथ शिक्षक को बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उसकी स्थिति को देखते हुए मुुजफ्फरपुर रेफर कर दिया गया है।

शिक्षक संजीव कुमार

जख्मी शिक्षक संजीव कुमार बेला थाना क्षेत्र के नरंगा मुजौलिया निवासी महेन्द्र साह के पुत्र हैं। वह मेहसौल ओपी क्षेत्र के कृष्णापुरी मोहल्ले में सपरिवार रहते हैं। वर्तमान में डुमरा प्रखंड के बरियापुर स्थित लपटी टोला में पंचायत शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं।

डुमरा थानाध्यक्ष नवलेश कुमार आजाद ने बताया कि शनिवार की शाम करीब पांच बजे सूचना मिली एक युवक हवाई अड्डा मैदान में बाइक लगाकर आत्महत्या की कोशिश की है। उसके गले व हाथ से काफी खून निकल रहा है। इसके बाद उन्होंने मौके पर पहुंचकर युवक को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया।

थानाध्यक्ष ने बताया कि पूछताछ में पांच साल से वेतन भुगतान नहीं होने के कारण डिपे्रशन में आकर आत्महत्या कर लेने की बात सामने आयी है। फिलहाल शिक्षक की गंभीर हालत को देखते हुए रेफर कर दिया गया है। बयान आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।

आपको बता दुँ की शिक्षक संजीव कुमार वर्ष 2013 में बरियारपुर स्थित लपटी टोला स्कूल में पंचायत शिक्षक के रूप में बहाल हुए थे। बहाल होने के बाद से दो वर्ष का वेतन भुगतान हुआ। इसके बाद वर्ष 2015 से उसका वेतन भुगतान नही किया गया।

वह काफी दिनों से वेतन भुगतान के लिए विभागीय कार्यालय में चक्कर लगा रहे थे। शनिवार को भी उसके शिक्षा विभाग के कार्यालय में जाने की बात कही जा रही है जहां वेतन भुगतान होने की कोई उम्मीद नहीं दिखने पर डिप्रेशन में आकर कार्यालय से लौटकर हवाई अड्डा मैदान में बाएं हाथ का नस और गला काट लिया।

उसने खून से हवाई अड्डा मैदान के दीवारपर भ्रष्टाचार मुर्दाबाद लिखकर नाराजगी प्रकट की। शिक्षक के आत्महत्या के प्रयास की खबर सुनकर शिक्षा विभाग में खलबली मची हुई है।

लोगों का कहना है कि वेतन भुगतान करने के नाम पर उससे घूस मांगा जा रहा था। नहीं देने पर उसका वेतन भुगतान का बिल फंसाकर रखा गया था। ये भ्रष्टाचार जाने कितनो को अपने शिकार बनाएगा