कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप के कारण मार्च से स्कूल और कॉलेज बंद हैं. टीचर्स बच्चों को इंस्टीट्यूट्स ऑनलाइन क्लास और वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पढ़ा रहे हैं.इस ऑनलाइन पढ़ाई के बहुत सारे नुकसान है तो इसका एक फायदा भी है
कि कोरोना काल का समय उचित समय हैं
सरकार को अब सरकारी स्कूलों की जजर्र पड़ी इमारतों की मरम्मत करने के लिए इससे बेहतर समय नही मिलेगा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद फरीदाबाद के सरकारी स्कूलों की इमारतों को मेंटेनेंस के प्रशासनिक अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं
ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन (आईपा )ने सरकार को पत्र लिखकर कहा कि इमारत की मरम्मत कराने और नए कमरे बनाने के लिए कहा है एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में फरीदाबाद और पलवल के कई सरकारी स्कूलों की जर्जर हो चुकी बिल्डिंगों को नया बनाने व उनमें जरूरी सुविधाएं देने के लिए याचिका दायर की गई है
जिस पर सरकार की ओर से 15 नवंबर 2019 को कोर्ट में शपथ पत्र बता दिया गया था जिसमें लिखी हुई बातों पर अभी तक गौर नहीं होने पर आईफा ने नाराजगी जताते हुए इससे कोर्ट की अवमानना माना है आईपा ने इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल व शिक्षा मंत्री कवंर पाल को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा हैं
आईपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ एडवोकेट अशोक अग्रवाल बताया की शपथ पत्र में कहा गया था कि फरीदाबाद के 4 स्कूलों में नई बिल्डिंग बनाने के लिए 14 नवम्बर 2019 को टेंडर दिए गए हैं 1 महीने के अंदर बाकी 4 स्कूलों में से दो को अन्य जगह शिफ्ट करने व 2 स्कूलों कोके लिए फण्ड स्वीकृत करके सुधार कार्य करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद में कह दिया गया ।
कोर्ट में झूठ बोलने का आरोप : आईपा का आरोप हैं कि सरकार ने हाईकोर्ट में झूठ बोला है कि सरकार कि टेंडर 14 नवंबर 2019 को लगा दिया गए हैं जबकि सच्चाई यह है कि टेंडर 4 फरवरी 2020 को लगाए गए हैं
राष्ट्रीय महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि शपथ पत्र में कोर्ट की बताया गया की फरीदाबाद के अनंगपुर दयालपुर गांव फरीदपुर गौछि के सरकारी स्कूलों के जर्जर हो चुके कमरों को नया बनाने के लिए 14 नवंबर को टेंडर जारी कर दिए गए हैं
वहीं बढ़खल गांव स्कूल में सुधार कार्य के लिए 16 लाख रुपए स्वीकृत करने प्रेस कॉलोनी इंदिरा नगर स्कूल को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने के कार्य किया जा रहा हैं इस कार्य को करने के लिए 1 महीने के अंदर कराने का जिम्मा जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद को दिया गया था 8 महीने बाद स्कूलों में कोई सुधार नहीं है अशोक ने कहा कि संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो कोर्ट के अगली तारीख पर न्यायालय को गुमराह करने वाले पर कार्रवाई की जाएगी