भारत देश जितना कोरोनावायरस से लड़ रहा है उतना ही कमजोर होती अर्थ व्यवस्था से भी लड़ रहा है हर तरफ लॉक डाउन की स्थिति पैदा की गई है इसके चलते सभी मजदूर पलायन भी कर चुके है वही सारे उद्योग बंद हैं और जो उद्योग खुल रहे है उनमें श्रमिकों को संख्या कम हैं इस कड़ी में श्रमिको की समय अवधि को लेकर उद्योगपतियों ने हरियाणा सरकार से मांग की थी कि उन्हें अपने श्रमिकों से 8 की बजाय 12 घंटे काम लेने की अनुमति प्रदान की जाए। इस मांग को मानते हुए राज्य सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
हरियाणा सरकार और गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के तहत काम करने की अनुमति दी गई है। इसलिए, फैक्ट्रीज एक्ट 1948 की धारा 65 की उप-धारा (2), (1948 के एक्स नं। 63) के तहत प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग में, हरियाणा के गवर्नर को आदेश है कि वे सभी कारखानों को रजिस्टर्ड करें। अधिनियम, 1948 को साप्ताहिक घंटे, दैनिक घंटे आदि संबंधित प्रावधानों से छूट दी जाएगी।
हरियाणा सरकार द्वारा जारी किए गए इस गजट नोटिफिकेशन को डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर एवं डिस्ट्रिक्ट डीसी यशपाल यादव ने बृहस्पतिवार की देर रात मीडिया में जारी किया।
वीडियो कान्फ्रेंस के बाद एफआईए ने एक बयान जारी किया। इस बयान के अनुसार राज्य के उद्योग व व्यापार निदेशक द्वारा एक आदेश जारी किया गया है।इस आदेश के अनुसार जिले में मात्र 6000 श्रमिक ही कार्य कर सकते हैं।फरीदाबाद में कई ऐसे उद्योग हैं, जहां हजारों श्रमिक एक ही शिफ़्ट में कार्य करते हैं।ऐसे में जिले भर में 6000 श्रमिकों को ही अनुमति देना सही निर्णय नही बताया हैं ।
इस अनुमति के साथ निम्नलिखित शर्ते होंगी लागू –
(i) किसी भी दिन में काम के घंटे की कुल संख्या बारह से अधिक नहीं होगी
(ii) यह छूट इस अधिनियम के किसी भी अन्य अनुभाग या नियमों या किसी अन्य राज्य / केंद्र सरकार के कानून से कोई बचाव प्रदान नहीं करेगी।
(iii) यह छूट 30 जून, 2020 तक मान्य होगी।
(iv) ओवरटाइम अवधि के लिए मजदूरी का भुगतान कारखानों अधिनियम, 1948 की धारा 59 के अनुसार किया जाएगा।
(v) भारत सरकार और सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देश हैं COVID-19 को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दूरी , सेनिटाइजेशन और स्वच्छता आदि का कड़ाई से पालन किया जाएगा।