फरीदाबाद में बनने जा रहा है, पहला प्लाज्मा बैंक , जाने कैसे होगा लाभ ?

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फरीदाबाद: कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए प्लाजमा थेरेपी काफी कारगर साबित हो रही है। इस थेरेपी से कोरोना पेशेंट्स तीन-चार दिन के अंदर रिकवरी कर पा रहे हैं।

डॉक्टर और चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस थेरेपी को कोरोना पेशेंट के लिए रिकमेंड किया है। इसलिए अब फरीदाबाद में प्रदेश का पहला प्लाज्मा बैंक बनने जा रहा है। यह प्लाज्मा बैंक ब्लड बैंक की तरह ही होगा।

कहां बनेगा प्लाज्मा बैंक

निगमायुक्त डा. यश गर्ग ने निजी और सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के साथ बैठक मैं तय किया है कि ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्लाज्मा बैंक बनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जल्द ही यह प्लाज्मा बैंक तैयार हो जाएगा। साथ ही से रिकवर हुए मरीजों को प्लाज्मा डोनेशन के लिए जागरूक किया जाएगा। ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए प्लाज्मा उपलब्ध रह सके।

फरीदाबाद में बनने जा रहा है, पहला प्लाज्मा बैंक , जाने कैसे होगा लाभ ?

जानिए क्या होती है प्लाजमा थेरेपी

हर इंसान के शरीर में रेड ब्लड सेल्स, वाइट ब्लड सेल्स और प्लाज्मा होता है। कोरोनावायरस से रिकवर हुए मरीजों की बॉडी से प्लाज्मा निकाला जाता है। उसके बाद यह प्लाज्मा कोरोना संक्रमित पेशेंट को चढ़ाया जाता है। इस थेरेपी से अभी तक कई पेशेंट को ठीक किया जा चुका है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार माना जाता है कि कोरोना संक्रमित होने के दौरान ठीक हुए मरीज के शरीर का प्लाज्मा एंटीबॉडीज बना लेता है । यह एंटीबॉडीज बहुत ही खास होते हैं। यह प्लाज्मा जिस मरीज को चढ़ाया जाता है उन्मे भी यही एंटीबॉडीज कोरोनावायरस से लड़ने का काम करते हैं।

जानिए प्लाज्मा थेरेपी ही क्यों चुनी गई

आपको बता दें कि इससे पहले भी प्लाजमा थेरेपी का इस्तेमाल हरियाणा के कुछ जिलों में किया जा चुका है। इससे डॉक्टर्स को पॉजिटिव रिजल्ट मिले। प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग गंभीर कोरोना मरीजों के इलाज के लिए किया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार प्लाजमा थेरेपी एक गंभीर कोरोना पेशेंट को 4-5 दिनों में स्वस्थ कर सकती है। इसलिए कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए इस थैरेपी को चुना गया है।

फरीदाबाद में बनने जा रहा है, पहला प्लाज्मा बैंक , जाने कैसे होगा लाभ ?

इस प्लाज्मा बैंक को विकसित करने के लिए एडवांस तकनीक की मशीनरी उपलब्ध है। इसमें प्लाज्मा को कई दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकेगा। जब तक कोरोनावायरस की वैक्सीन नहीं बनती तब तक, प्लाज्मा थेरेपी के इस्तेमाल से ही कोरोना संक्रमित पेशेंट्स की जान बचाई जा सकती है।

भारत में कोरोनावायरस की वैक्सीन बन गई है, लेकिन से 15 अगस्त को लांच किया जाएगा। इस स्थिति में प्रदेश में प्लाज्मा बैंक का बनना लोगों के लिए एक बहुत बड़ी राहत की बात है। इस पर आपकी क्या राय है, कमेंट सेक्शन में बताइए।

Written by -Vikas Singh