गुरुग्राम में अभी तक बांटे गए 23220 टैबलेट: शिक्षा निदेशालय द्वारा गुरुग्राम में 10वीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों और को करने के लिए 25241 टैबलेट भेजे गए थे। जिला शिक्षा संस्थान (डाइट की और से 23220 टैक्लेट जिले के 127 सरकारी स्कूलों में भेजे गए जिसमें 29 माध्यमिक और 98 रिष्ठ माध्यमिक स्कूलों केयों को वितरित किया जाएगा। एवं शिक्षण संस्थान में 2021 टैबलेट हुए हैं। शिक्षा निदेशालय की ओर से 9वीं व 11वीं कक्षा के लिए भी जल्द ही टैबलेट भेजने की संभावना है।
ई-अधिगम योजना के तहत सरकारी स्कूलों में 10वीं व 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को दिए जा रहे कुछ टेबलेट में फेसबुक, यू-ट्यूब व अन्य एप चलाने का विकल्प भी दिया जा रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से शिक्षा निदेशालय द्वारा छात्रों की मॉनिटरिंग करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
निदेशालय के निर्देशानुसार टेबलेट संबंधित कंपनी ने आधे से अधिक गैजेट्स में सिर्फ पाठ्यक्रम की सामग्री डाली है। वहीं, काफी संख्या में टैबलेट में पाठ्यक्रम के साथ ही यूट्यूब फेसबुक, ट्विटर व इंस्टाग्राम सहित अन्य एप का विकल्प भी दिया है।
- इन टैबलेट को चलाने वाले विद्यार्थियों की मॉनिटरिंग की जाएगी। देखा जाएगा कि संबंधित विद्यार्थी पाठ्यक्रम को कितना पढ़ रहे हैं और अन्य एप पर कितना समय व्यतीत कर रहे हैं।
- मॉनिटरिंग के बाद विभाग की ओर से यह निष्कर्ष जाएगा कि विद्यार्थियों को टैबलेट देने से पढ़ाई में कितना फायदा मिला है।
- विद्यार्थी सिर्फ यूट्यूब पर वीडियो देखने, इंस्टाग्राम व फेसबुक चलाने में ही मशगूल रहते हैं तो निदेशालय की ओर से इस ओर उचित कदम उठाए जाएंगे।
- बाद में इन टैबलेट से भी यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर व इंस्टाग्राम के विकल्प को लॉक कर दिया जाएगा। इसके बाद विद्यार्थी सिर्फ पाठ्यक्रम संबंधी सामग्री ही देख सकें।
सिम नहीं मिलने से अटका पड़ा है वितरण
प्रदेश सरकार की ओर से हरियाणा के सभी जिलों में टैबलेट पहुंचा दिए गए हैं। इनके लिए एयरटेल व जिओ कंपनी के साथ सिम देने के लिए समझौता हुआ है।
कंपनियों की ओर से टेबलेट के लिए सिम उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं। ऐसे में सिम नहीं मिलने के कारण विद्यार्थियों को टैबलेट योजना का फायदा नहीं मिला है। जब तक सिम नहीं मिलेंगे, तब तक टैबलेट नहीं चल पाएंगे।
शिक्षा निदेशालय की गर्मियों की छुट्टियों में 10वीं व 12वीं कक्षा की ऑनलाइन पढ़ाई कराने की योजना भी सिरे नहीं चढ़ सकी।