वर्षा और शहर का रिश्ता तो कुछ यूं है की एक दूजे के बिना अधूरे है ।वर्षा के दौरान शहर में जलभराव की समस्या बहुत आम बात है ,ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए फ्लड कंट्रोल सेल गठित किया गया है। इसमें पुलिस, नगर निगम और राजस्व विभाग मुख्य तौर पर काम करेंगे और बिजली निगम, एचएसवीपी, स्मार्ट सिटी व एफएमडीए सहित अन्य विभागों की भी मदद ली जाएगी।
जिला उपायुक्त जितेंद्र यादव सोमवार शाम लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेस हाल में जिला में बाढ़ नियंत्रण कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। 100 वालंटियर करेंगे मदद।उपायुक्त ने कहा कि वर्षा के दिनों में शहर से तुरंत जलनिकासी की व्यवस्था करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी विभागों को मिलकर कार्य करना होगा।
हमें इस कार्य में जनभागीदारी को भी शामिल करना होगा। ऐसे में निर्णय लिया गया है कि शहर में इस कार्य के लिए 100 सिविल डिफेंस वालंटियर पुलिस की मदद करेंगे।बैठक के दौरान पुलिस विभाग द्वारा प्रस्तुत की गई प्रेजेंटेशन के आधार पर 25 ऐसे प्वाइंट चिन्हित किए गए हैं जहां पर जलभराव होता है।
उन्होंने कहा कि इन सभी स्थानों पर पुलिस के एसएचओ स्तर के अधिकारी और 25 ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए जाएंगे। डीसीपी-एसडीएम की बनेंगी संयुक्त टीम। जिला उपायुक्त ने कहा कि डीसीपी व एसडीएम की संयुक्त टीम भी इस कार्य के लिए गठित की जाएगी।
बैठक में एनएचएआइ के अधिकारियों ने बताया कि शहर में बदरपुर बार्डर से लेकर बल्लभगढ़ तक 10 स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम तैयार किए जा रहे हैं। इससे काफी हद तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर जलभराव से मुक्ति मिलेगी।
इस दौरान उपायुक्त ने बताया कि जल्द ही बदरपुर बार्डर से बल्लभगढ़ तक वह स्वयं सभी अधिकारियों के साथ एक संयुक्त दौरा करेंगे। बैठक में नगर निगम व एनएचएआइ के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह नालों की सफाई के कार्य को तेज करें।
इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त डा. मोहम्मद इमरान रजा, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त अभिषेक मीणा, डीसीपी एनआइटी हितेश अग्रवाल, डीसीपी सुरेश कुमार, एसडीएम परमजीत चहल, एसीपी देवेंद्र, एसीपी सुरेंद्र कुमार, तहसीलदार नेहा, एनएचएआइ के उपमुख्य प्रबंधक धीरज कुमार सहित सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।