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आईसीएसई 2020 का रिजल्ट घोषणा में फरीदाबाद के इन छात्रों ने किया टॉप 93 % लाकर पाया प्रथम स्थान

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इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन(आइसीएसइ) के शुक्रवार को 10 और 12वीं कक्षा का रिजल्ट घोषित हुआ जिले में जीवा पब्लिक स्कूल 1 मार्च आई सी एस टी से मान्यता प्राप्त स्कूल है दसवीं कक्षा की परीक्षा में 85 और 12वीं कक्षा की परीक्षा में 59 छात्र छात्राओं ने परीक्षा दी थी

12वीं कक्षा के छात्र ने मासूम अली नॉन मेडिकल संकाय में 30 अंक प्राप्त कर स्कूल में पहला स्थान प्राप्त किया वही मेडिकल संकाय की आकांक्षा जयसवाल ने मेडिक 90.4 फीसद अंकों के साथ दूसरा और दुष्यंत सिंह ने 90 फीसद अंकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।

आईसीएसई 2020 का रिजल्ट घोषणा में फरीदाबाद के इन छात्रों ने किया टॉप 93 % लाकर पाया प्रथम स्थान

कॉमर्स में गौरव भाटिया ने 88 फीसद अंक प्राप्त कर पहला स्थान हासिल किया। दसवीं कक्षा की कॉमर्स संकाय में विजय अरोड़ा ने सबसे अधिक 96 अंक प्राप्त किए। वहीं उनकी साथी सिमरजीत ने 95.4 फीसद के साथ दूसरा और विज्ञान में प्रतीक राज ने 94 फीसद अंक प्राप्त कर पहला स्थान हासिल किया।

आइसीएसई द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित किए जाने के साथ ही छात्र अब अपने भविष्य को बेहतर बनाने की तैयारियों में जुट गए हैं। जीवा पब्लिक स्कूल के 12वीं कक्षा के छात्र हिमांशु अपने पिता वनीश मित्तल के नक्शे कदम पर चलते हुए इंजीनियर बनना चाहते हैं, जबकि दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले अाकांक्षा जायसवाल बड़े भाई आयुष को अादर्श मानते हुए डॉक्टर बनने की तैयारियों में लगी हुई है। इसके लिए दोनों प्रतिभाशाली छात्र दिन रात मेहनत कर रहे हैं। इन्होंने 12वीं कक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए सेल्फ स्टडी पर विश्वास रखा।

छोटी बहन को जाता है श्रेय

हिमांशु ने बताया उनकी सफलता में छोटी बहन तान्या का भी सहयोग है। वह प्रोजेक्ट बनाने में मदद करती थी। हम दोनों का एक ही कमरा है और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों के लिए देर रात पढ़ाई करता था। इसके चलते लाइट बंद कर पाती थी और उसे लाइट बंद किए बिना नींद नहीं आती है,

लेकिन उसने कभी इस पर आपत्ति नहीं जताई। वह इंजीनियर बनना चाहते हैं। इसके अलावा जेई मेंस 95.5 पर्सेंटाइल अंक प्राप्त किए थे और अगस्त में एडवांस की परीक्षा होने वाली थी। कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से परीक्षा को स्थगित कर दियाग या है।

डॉक्टर बनकर समाज सेवा करना चाहती है आकांक्षा

आकांक्षा जायसवाल ने बताया कि परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने के लिए पांच घंटे पढ़ाई करती थी। इसके साथ मेडिकल में दाखिले की भी तैयारी कर रही थी। वह अपने बड़े भाई को आदर्श मानती है और उनकी तरह डॉक्टर बनना चाहती हैं और समाज की सेवा करना चाहती है। उनके पिता अनिल जायसवाल इंजीनियर हैं। डॉक्टर बनने के लिए वह अपने भाई आयुष का मार्गदर्शन लेती रहती हैं। अाकांक्षा सेल्फ स्टडी में अधिक विश्वास रखती है। इसके चलते इन्होंने आज तक कोचिंग नहीं ली है।

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