अदालती हस्तक्षेप पर दसवीं का परिणाम जारी, याचिकाकर्ता सतीश फौगाट बोले, थैंक्यू जज साहब

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अदालती हस्तक्षेप के बाद ही सही लेकिन आज हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने दसवीं कक्षा का फाइनल परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया। इस बारे में शिक्षाविद डॉ सतीश फौगाट ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। परीक्षा परिणाम आने पर डॉ फौगाट ने अदालत का धन्यवाद अदा किया है।

याचिकाकर्ता डॉ सतीश फौगाट ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा दसवीं के परीक्षा परिणाम को लेकर बार बार बयान बदलने और घोषणा के बावजूद रिजल्ट न जारी करने को हाई कोर्ट में रिट पेटीशन संख्या 8632 वर्ष 2020 के तहत चुनौती दी थी।

अदालती हस्तक्षेप पर दसवीं का परिणाम जारी, याचिकाकर्ता सतीश फौगाट बोले, थैंक्यू जज साहब

इस मामले में अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 13 जुलाई तय की थी वहीं बोर्ड सचिव को अपना जवाब तीन दिन पहले अदालत को देने के निर्देश दिए थे।

याचिकाकर्ता डॉ सतीश फौगाट ने बताया कि बोर्ड ने जवाब वाले दिन परीक्षा परिणाम जारी कर दिया है। जिस पर हमें संतोष है और हम अदालत का धन्यवाद अदा करना चाहते हैं। लेकिन डॉ फौगाट का कहना है

कि बोर्ड हठधर्मिता नहीं दिखाता तो रिजल्ट पहले ही आ जाता और हमें चंडीगढ़ तक दौड़ लगाने में अपना समय और धन भी नहीं खर्च करना पड़ता। उन्होंने बताया कि आज जहां लोग स्वार्थ के धंधों में लिप्त हैं

अदालती हस्तक्षेप पर दसवीं का परिणाम जारी, याचिकाकर्ता सतीश फौगाट बोले, थैंक्यू जज साहब

वहीं हमने प्रदेश के तीन लाख 38 हजार बच्चों के भविष्य की लड़ाई लड़ी है। जो आज परीक्षा परिणाम आने पर बच्चों के चेहरे पर दिखने वाले संतोष से हमें बड़ी प्रसन्नता मिल रही है।

क्या था पूरा मामला

प्रदेश में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी से संबद्ध स्कूलों में दसवीं कक्षा में पढऩे वाले करीब तीन लाख 38 हजार विद्यार्थी अपने मुख्य पांच विषयों में से चार की परीक्षा दे चुके थे, वहीं एक विज्ञान विषय व अन्य इलेक्टिव विषयों की परीक्षा रह गई थी।

शिक्षाविद सतीश फौगाट ने तेलंगाना और तमिलनाडू की तर्ज पर चार विषयों में प्राप्त अंकों के आधार पर पांचवें विज्ञान विषय के नंबर देकर फाइनल रिजल्ट जारी करने की मांग की थी। जिसे बोर्ड ने मान कर रिजल्ट जारी करने की घोषणा भी कर दी लेकिन फिर बोर्ड ने निर्णय बदलकर विज्ञान विषय की परीक्षा लेने की बात कह दी।

कोरोना को आधार बनाकर राहत की मांग

डॉ फौगाट ने इस पर माननीय उच्च अदालत को बताया कि कोरोना काल में किसी भी प्रकार की परीक्षा लेना बच्चों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। यदि परीक्षा ली भी जानी है तो कोरोना काल के बाद ली जाए क्योंकि उनके यहां अधिकांश प्रवासी लोगों के बच्चे पढ़ते थे जो कि अब अपने मूल प्रदेशों की ओर रुख कर चुके हैं। उन्होंने अदालत को तेलंगाना और तमिलनाडू प्रदेशों सहित सीबीएसई के पैटर्न सामने रखे।

जिस पर माननीय न्यायाधीश रामेंद्र जैन की अदालत ने अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा और सचिव हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी को अपना पक्ष देने के लिए सम्मन जारी किए थे। अदालत ने अगली सुनवाई 13 जुलाई तय करते हुए बोर्ड को तारीख से तीन दिन पहले अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जिस पर बोर्ड ने दसवीं कक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया।